Mata Sita Temple Chai
ज्योर्तिमठ। श्री बदरीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी ने ज्योर्तिमठ स्थित माता सीता मंदिर चांई में दर्शन के पश्चात मंदिर के जीर्णोद्धार एवं सौंदर्यीकरण कार्यों के लिए स्थलीय निरीक्षण किया। इस दौरान उन्होंने मंदिर परिसर की स्थिति का अवलोकन कर आवश्यक सुधारात्मक कदम उठाने के निर्देश दिए।
अध्यक्ष द्विवेदी ने स्थानीय ग्रामीणों, महिला मंगल दल एवं ग्राम पंचायत प्रतिनिधियों से मंदिर के पुनर्निर्माण संबंधी सुझाव भी आमंत्रित किए। उन्होंने कहा कि मंदिर समिति ने प्रारंभिक सर्वेक्षण और डीपीआर तैयार कर ली है, और अब स्थानीय जनसहयोग से मंदिर का भव्य पुनर्निर्माण किया जाएगा।
सीता माता मंदिर चांई का ऐतिहासिक व धार्मिक महत्व अत्यंत गहरा है। मान्यता है कि देवकन्या वेदवती, जिन्होंने लंकापति रावण को श्राप दिया था, त्रेता युग में माता सीता के रूप में अवतरित हुईं। वर्तमान में चांई में वेदवती शिला के रूप में माता सीता विराजमान हैं। मंदिर के जीर्ण-शीर्ण हो चुके ढांचे के पुनर्निर्माण को लेकर स्थानीय लोगों में उत्साह है।
सीता माता मंदिर में पूजा-अर्चना के पश्चात बीकेटीसी अध्यक्ष द्विवेदी श्री नृसिंह मंदिर, ज्योतिर्मठ पहुंचे, जहाँ उन्होंने दर्शन के साथ-साथ मंदिर समिति कार्यालय, मंदिर परिसर, सीसीटीवी कक्ष एवं आदि गुरु शंकराचार्य गद्दी स्थल का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को बायोमैट्रिक उपस्थिति मशीन लगाने, सूचना बोर्ड स्थापित करने और मंदिर परिसर के सौंदर्यीकरण के निर्देश दिए।

निरीक्षण के दौरान उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, उपाध्यक्ष विजय कप्रवाण, बीकेटीसी मुख्य कार्याधिकारी/कार्यपालक मजिस्ट्रेट विजय प्रसाद थपलियाल, मुख्य प्रशासनिक अधिकारी गिरीश चौहान तथा अन्य अधिकारी एवं पदाधिकारी मौजूद रहे।
इस अवसर पर पूर्व धर्माधिकारी भुवन चंद्र उनियाल, बदरीनाथ प्रभारी विपिन तिवारी, अवर अभियंता गिरीश रावत, पुजारी सुशील चंद्र डिमरी, प्रधान शंकर लाल, बीकेटीसी मीडिया प्रभारी डा. हरीश गौड़ तथा महिला मंगल दल की रोशनी देवी, यशोदा देवी, ममता देवी सहित अनेक स्थानीय श्रद्धालु उपस्थित रहे।