Malari Highway Landslide
सीमांत जनपद चमोली में भारत-चीन सीमा क्षेत्र को जोड़ने वाले मलारी हाईवे पर लाता और भलागांव के बीच रवालता के पास भारी भूस्खलन होने से यातायात ठप हो गया है। हाईवे पर मलबा और विशाल बोल्डर आने से न सिर्फ आम लोगों की आवाजाही बाधित हुई है, बल्कि सेना और आईटीबीपी की आवाजाही भी प्रभावित हो रही है। घटना के बाद लगभग 20 गांवों का संपर्क मुख्य मार्ग से कट गया है।
गुरुवार को अचानक चट्टान का बड़ा हिस्सा दरक गया और देखते ही देखते भारी मलबा व बोल्डर सड़क पर आ गिरे। भूस्खलन इतना जोरदार था कि दूर से धूल का गुबार उड़ता हुआ दिखाई दिया। सूचना पर प्रशासन ने तुरंत मशीनरी भेजी और हाईवे खोलने का काम शुरू किया, लेकिन लगातार गिरते बोल्डरों के चलते राहत कार्यों में दिक्कत आ रही है।
शुक्रवार देर शाम तक हाईवे खोलने की उम्मीद
हाईवे पर मशीनें लगाई गई हैं, लेकिन बार-बार बोल्डर गिरने से कार्य प्रभावित हो रहा है। उम्मीद है कि शुक्रवार देर शाम तक हाईवे खोल दिया जाएगा।
लोगों की बढ़ी परेशानी, स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने जताई चिंता
भूस्खलन से प्रभावित गांवों में सूकी, भलागांव, तोलमा, सुराई थोटा, फागती, लोंग, जुम्मा, जेलम, द्रोणागिरी, कागा, गरपक, मलारी, कोषा, कैलाशपुर, मेहरगांव, फरकिया, बांपा, गमशाली, नीती और भपकुंड शामिल हैं। इन गांवों की आवाजाही पूरी तरह ठप हो गई है।


