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गाँव से ग्लोबल तक : होम स्टे से समृद्धि की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड

From home stay to prosperity
Written by admin

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देवभूमि उत्तराखण्ड में ग्रामीण पर्यटन के नए आयाम जोड़ते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ‘‘गाँव से ग्लोबल तक होम स्टे’’ संवाद कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। मुख्यमंत्री आवास स्थित मुख्य सेवक सदन में आयोजित इस संवाद में राज्य भर से आए होम स्टे संचालकों ने मुख्यमंत्री से सीधा संवाद कर अपने अनुभव साझा किए और विकास से जुड़े महत्वपूर्ण सुझाव रखे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की असली आत्मा उसके गाँवों में बसती है। यहाँ की प्राकृतिक सुंदरता, समृद्ध संस्कृति और पारंपरिक विरासत को दुनिया तक पहुँचाने में होम स्टे महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। आज होम स्टे न केवल पर्यटकों को स्थानीय संस्कृति और जीवनशैली से रूबरू करा रहे हैं, बल्कि हजारों परिवारों की आजीविका के मजबूत आधार भी बन चुके हैं।

मुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य के पाँच हजार से अधिक परिवार होम स्टे योजना से जुड़कर न केवल स्वरोजगार की दिशा में आगे बढ़े हैं, बल्कि उत्तराखण्ड की छवि को भी विश्व पटल पर स्थापित कर रहे हैं। उन्होंने होम स्टे संचालकों को राज्य के “ब्रांड एंबेसडर” बताते हुए कहा कि राज्य सरकार इनके सुझावों को गंभीरता से लेकर आगे की कार्ययोजना में शामिल करेगी।

गांव से ग्लोबल की ओर बढ़ता उत्तराखण्ड
मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार “एक जनपद, दो उत्पाद” योजना और ‘हाउस ऑफ हिमालयाज’ जैसे ब्रांड के माध्यम से स्थानीय उत्पादों को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय पहचान दिलाने में जुटी है। स्टेट मिलेट मिशन के तहत राज्य के मोटे अनाज (मिलेट) को देशभर में नई पहचान मिल रही है।

उन्होंने कहा कि तीर्थाटन और पर्यटन राज्य की अर्थव्यवस्था का सशक्त स्तंभ हैं। धार्मिक, साहसिक, ईको-टूरिज्म, वेलनेस टूरिज्म, एग्रो टूरिज्म और फिल्म पर्यटन के क्षेत्र में उत्तराखण्ड तेजी से विकसित हो रहा है। यही कारण है कि राज्य को “मोस्ट फिल्म फ्रेंडली स्टेट” का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला है।

संचालकों के सुझावों को मिला सम्मान
संवाद कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए होम स्टे संचालकों ने कई व्यावहारिक सुझाव प्रस्तुत किए।
पौड़ी से नम्रता कंडवाल ने ब्लॉक स्तर पर होम स्टे पंजीकरण की व्यवस्था का सुझाव दिया, वहीं मुक्तेश्वर के दीपक बिष्ट ने लोन प्रक्रिया को सरल बनाने और सड़क संपर्क को बेहतर बनाने पर बल दिया। चमोली के नरेंद्र सिंह बिष्ट ने कचरा प्रबंधन और प्लास्टिक निस्तारण पर ध्यान देने की आवश्यकता जताई।

लैंसडाउन से विक्की रावत ने राज्य में सस्टेनेबल आर्किटेक्चर को अपनाने और होम स्टे के लिए स्थानीय मॉडल विकसित करने की बात कही। उत्तरकाशी के अखिल पंत ने ग्रामीण स्तर पर जागरूकता अभियान चलाने और प्रशिक्षण कार्यशालाओं को और अधिक प्रभावशाली बनाने पर जोर दिया।

कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज ने कहा कि यह संवाद कार्यक्रम केवल नीति संवाद नहीं बल्कि उत्तराखण्ड के गाँवों की आत्मा को वैश्विक पहचान दिलाने का प्रयास है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में राज्य का ग्रामीण पर्यटन एक नई दिशा में अग्रसर हो रहा है।

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स्थानीय से वैश्विक तक — होम स्टे क्रांति की ओर उत्तराखण्ड
उत्तराखण्ड सरकार द्वारा पर्यटन विकास की दिशा में होम स्टे योजना ग्रामीण विकास का एक शक्तिशाली माध्यम बन रही है। ‘गाँव से ग्लोबल’ तक की इस यात्रा में होम स्टे एक ऐसी कड़ी हैं, जो संस्कृति और आर्थिकी दोनों को साथ लेकर आगे बढ़ रही है।

यह संवाद न केवल स्थानीय लोगों को प्रेरित करेगा, बल्कि उत्तराखण्ड की अद्वितीय पहचान को वैश्विक मानचित्र पर और मजबूत करेगा। मुख्यमंत्री के विजन के अनुरूप राज्य अब सतत विकास और स्वरोजगार आधारित पर्यटन की नई इबारत लिखने को तैयार है।

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