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इंक एंड इम्पैक्ट मीडिया फेस्टिवल: पत्रकारिता के नए युग की ओर एक सशक्त कदम

Ink & Impact Media Festival
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न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने शारदा यूनिवर्सिटी के साथ मिलकर इंक एंड इम्पैक्ट मीडिया फेस्टिवल का सफलतापूर्वक आयोजन किया, जिसमें 400 से अधिक छात्रों ने हिस्सा लिया। इस कार्यक्रम में न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के कई प्रतिष्ठित अधिकारियों के साथ-साथ शारदा यूनिवर्सिटी के संकाय सदस्य भी मौजूद रहे।

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इस फेस्टिवल में उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत मुख्य अतिथि के रूप में मौजूद रहे, जबकि पश्चिम बंगाल से सांसद जगन्नाथ सरकार विशिष्ट अतिथि थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता न्यूजपेपर एसोसिएशन ऑफ इंडिया के महासचिव डॉ. विपिन गौर ने की। कार्यक्रम का संयोजन रितु सूद और राशिद हाशमी ने किया।

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इस कार्यक्रम में विचारोत्तेजक पैनल चर्चाएँ हुईं, जिनमें शामिल हैं : मीडिया कॉन्क्लेव: ‘भविष्य की पत्रकारिता में सोशल मीडिया का प्रभाव’ ‘प्रभावशाली लोग सकारात्मक सामाजिक उत्तरदायित्व में कैसे योगदान करते हैं’।

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चर्चाओं में प्रमुख पैनलिस्ट शामिल थे।
मृदुल शर्मा – वरिष्ठ एंकर आर भारत, अमृता गर्ग – वरिष्ठ एंकर न्यूज़ नेशन, वैदेही तमन – संपादक दोपहर की आवाज़ दैनिक, जया मिश्रा – एंकर न्यूज़ इंडिया 18, राधा भट्ट – अभिनेत्री और सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, आरजे अतिशय – इश्क एफएम, आरजे तृप्ति – इश्क एफएम, ऋतिक भारतद्वाज – सोशल मीडिया इन्फ्लुएंसर, हरीश शर्मा – डिजिटल कलाकार।

चर्चा में जिम्मेदार सामग्री निर्माण के महत्व पर जोर दिया गया। पैनलिस्टों ने इस बात पर प्रकाश डाला कि अक्सर नकारात्मकता से भरी वायरल सामग्री केवल इसलिए लोकप्रिय होती है क्योंकि लोग इससे जुड़ते हैं। उन्होंने सामूहिक रूप से दर्शकों से नैतिक पत्रकारिता और सोशल मीडिया के चलन को प्रोत्साहित करने के लिए सार्थक और सकारात्मक सामग्री का उपभोग करने का आग्रह किया।

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तीरथ सिंह रावत ने इस बात पर जोर दिया कि मीडिया लोकतंत्र का सबसे मजबूत स्तंभ है और न्याय दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। हालांकि, उन्होंने गलत सूचना फैलाने के खिलाफ चेतावनी देते हुए नैतिक पत्रकारिता की आवश्यकता पर भी जोर दिया। जगन्नाथ सरकार ने अपनी अंतर्दृष्टि को आध्यात्मिकता से जोड़ते हुए मीडिया से स्वामी विवेकानंद से सीखने और सेवा-उन्मुख दृष्टिकोण अपनाने का आग्रह किया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि ‘मनुष्य का जन्म मनुष्य की सेवा करने के लिए हुआ है और मीडिया लोगों की सेवा करने का एक बेहतरीन माध्यम है।

महासचिव डॉ. विपिन गौर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि मीडिया हमेशा से ही समाज का दर्पण रहा है, स्वतंत्रता-पूर्व युग से लेकर वर्तमान और उससे आगे तक। उन्होंने पत्रकारों की स्वतंत्रता और जिम्मेदारी पर जोर दिया और मीडिया के छात्रों से ‘नौकरी चाहने वाले नहीं, बल्कि नौकरी प्रदाता बनने’ का आग्रह किया। उन्होंने उन्हें ‘या तो इतिहास बनाने या इतिहास बनने’ के लिए प्रेरित किया।

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