First anniversary of Ramlala
उत्तर प्रदेश के अयोध्या में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ का भव्य आयोजन किया जा रहा है। यह ऐतिहासिक अवसर 11 जनवरी से 13 जनवरी तक तीन दिवसीय सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव के रूप में मनाया जाएगा। इस अवसर पर अयोध्या का माहौल श्रद्धा और उत्साह से सराबोर हो जाएगा, जिसमें देशभर से संत, कलाकार और भक्त शामिल होंगे।
रामलला की प्राण प्रतिष्ठा, जो 22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संपन्न हुई थी, अयोध्या के नवनिर्मित भव्य राम मंदिर के इतिहास में मील का पत्थर साबित हुई। अब, इस पहली वर्षगांठ को स्मरणीय बनाने के लिए मंदिर ट्रस्ट और उत्तर प्रदेश सरकार ने व्यापक तैयारियां की हैं।
तीन दिवसीय आयोजन: धर्म और संस्कृति का संगम
राम जन्मभूमि परिसर में आयोजित तीन दिवसीय उत्सव के दौरान कई प्रमुख कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। इनमें धार्मिक अनुष्ठान, राम कथा, रामलीला, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियां मुख्य आकर्षण होंगी।
- पहला दिन (11 जनवरी):
- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भगवान रामलला का अभिषेक करेंगे और कुबेर टीला पर भक्तों को संबोधित करेंगे।
- अयोध्या के विभिन्न चौराहों पर कीर्तन मंडलियां भक्ति संगीत प्रस्तुत करेंगी।
- मुख्य आकर्षण:
- प्रसिद्ध लोक गायिका मालिनी अवस्थी, भक्ति संगीत की प्रख्यात कलाकार अनुराधा पौडवाल, और कवि कुमार विश्वास अपनी प्रस्तुतियों से भक्तों को मंत्रमुग्ध करेंगे।
- प्रतिदिन शास्त्रीय संगीत, यज्ञ, और प्रवचन मंडप और यज्ञशाला में आयोजित किए जाएंगे।
श्रद्धालुओं और संतों की भागीदारी
मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने जानकारी दी कि उत्सव में भाग लेने के लिए 100 से अधिक वीआईपी और स्थानीय संतों को निमंत्रण भेजा गया है। उत्तराखंड, छत्तीसगढ़, राजस्थान, और अन्य राज्यों के संत और पुजारी इस समारोह का हिस्सा बनेंगे।
इसके अलावा, विभिन्न समुदायों के मंदिरों के पुजारियों को भी धार्मिक अनुष्ठानों में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है। पहली बार, आम लोगों को भी इन भव्य कार्यक्रमों का साक्षी बनने का अवसर मिलेगा।
रामलला के लिए विशेष पोशाक
इस वर्षगांठ के पहले दिन भगवान रामलला पितांबरी धारण करेंगे, जिसे विशेष रूप से दिल्ली में तैयार किया गया है। यह पितांबरी सोने और चांदी से निर्मित है और इसे भगवान की विशेष पोशाक के रूप में डिजाइन किया गया है।
श्रद्धा और संस्कृति का भव्य पर्व
तीन दिवसीय इस उत्सव में रामलला के भक्तों को धार्मिक और सांस्कृतिक दोनों अनुभव करने का अवसर मिलेगा। राम कथा और रामलीला के माध्यम से भगवान राम के जीवन और उनके आदर्शों का प्रचार होगा।