धार्मिक

कृष्ण भक्ति में डूब जाना ही महारास : स्वामी परमानंद पुरी जी महाराज

krishna devotion
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श्री अखिल भारतीय अखाड़ा पारिषद के अध्यक्ष श्री श्री 108 महंत रविन्द्र पुरी जी महाराज के पावन सानिध्य में श्री मद भागवत कथा ( पितरों के मोक्ष निमित्त) का आयोजन श्री ’अभय मठ शक्ति पीठ लक्ष्मण चौक देहरादून के तत्वाधान में किया गया है।

पंचम दिवस पर व्यास जी ने बताया कि कृष्ण भक्ति, प्रेम और विरह में जब राधा सहित गोपियां बैचेन होने लगीं तो भगवान कृष्ण ने शरद पुर्णिमा के दिन मधुर मधुर बंसी बजाकर सभी गोपियों का महारास के लिए आह्वाहन किया और कामदेव को आदेश दिया कि बिना काम भावना के ही आत्माओं का महारास में प्रवेश हो। कृष्ण ने सभी गोपी रूपी आत्माओं के संग प्रति गोपी के साथ अलग अलग कृष्ण के अनेकों रूप रचकर महारास किया ।

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इससे पूर्व व्यास जी बताया कि 125 वर्ष बाद कृष्ण ने लीला सवरण की बात अपने मित्र उद्धव से कही तो उद्धव ने कहा कि आपके बिना हम सब कैसे रहेंगे तो प्रभु ने कहा शरीर छोड़ने के बाद में भागवत में ही निवास करूंगा।

सुमधुर भजन गाया तो सभी भक्तजन झूम उठे ।
राधे रानी की जय महारानी की जय
बोलो बरसाने वारी की जय जय जय

गोवर्धन लीला कर गिरिधर नाम की महिमा का व कालिया नाग की लीला विस्तार से सुनाई और गोवर्धन पूजा भी विधिविधान से की गई ।

सुमधुर व संगीतमय भजनो पर सभी भक्तो ने भावविभोर होकर तालियों व झूम झूम और नृत्य कर आनंद लिया ।

इस अवसर पर विशाल गुप्ता, मनोज सिघल, अमित जायसवाल सहित कथा आयोजन समिति महिला मंडल के सदस्य कंचन, रजनी,मंजू, स्वर्ण, भावना, अंजू , मेहता जी, वीरेंद्र शर्मा, प्रशांत शर्मा, गोपाल सिंगल सहित सैकड़ों भक्तजन उपस्थित थे।

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