धार्मिक

कृष्ण भक्ति में डूब जाना ही महारास : बजरंगी जी महाराज

Shri Bhagwat Katha
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कृष्ण भक्ति, प्रेम और विरह में जब राधा सहित गोपियां बैचेन होने लगीं तो भगवान कृष्ण ने शरद पुर्णिमा के दिन मधुर मधुर बंसी बजाकर सभी गोपियों का महारास के लिए आह्वाहन किया। और कामदेव को आदेश दिया कि बिना काम भावना के ही आत्माओं का महारास में प्रवेश हो। कृष्ण ने सभी गोपी रूपी आत्माओं के संग प्रति गोपी के साथ अलग अलग कृष्ण के अनेकों रूप रचकर महारास किया ।

इससे पूर्व व्यास जी बताया कि 125 वर्ष बाद कृष्ण ने लीला सवरण की बात अपने मित्र उद्धव से कही तो उद्धव ने कहा कि आपके बिना हम सब कैसे रहेंगे तो प्रभु ने कहा शरीर छोड़ने के बाद में भागवत में ही निवास करूंगा।
राधे रानी की जय महारानी की जय
बोलो बरसाने वारी की जय जय जय
भजन पर सभी भक्तगण झूम उठे ।

श्रीभागवत कथा श्रीऋषि आश्रम खुडबुड़ा में इस अवसर पर जगदाचार्य श्रदेय स्वामी उपेन्द्रानन्द सरस्वती जी महाराज पीठाधीश्वर, श्री नैमिषरण्य धाम के आशीर्वाद, महामण्डलेश्वर स्वामी विद्या चौतन्य जी महाराज संचालक एवं प्रबंधक स्वामी आराध्या सरस्वती जी की गरिमामय उपस्थिति में हुआ। मुख्य यजमान ई. चंद्र मोहन अग्रवाल सपरिवार सहित उपस्थित थे।

सुमधुर व संगीतमय भजनो पर सभी भक्तो ने भावविभोर होकर तालियों व झूम झूम और नृत्य कर आनंद लिया।

कथा आयोजन समिति के सदस्य जिनमें महामन्त्री मनमोहन शर्मा, संयोजक एवम प्रचार मंत्री सत्य प्रकाश गोयल, सह संयोजक बालेश गुप्ता, रजनीश गुप्ता, श्रवण कुमार तिवारी (पुजारी) सुरेन्द्र गोयल, देश बन्धु गोयल, दिनेश बंसल, मीडिया प्रभारी गिरिधर शर्मा एवम प्रवीण गुप्ता और महिला मंडल से मीना सिंघल, विमला गौड, कंचन आनन्द, ममता अग्रवाल देवरानी, बीना अग्रवाल, पुष्पा शर्मा, प्राची मित्तल व सरला शर्मा सहित सैकड़ों भक्त जन उपस्थित थे।

50 वर्षाे से अधिक आश्रम में समर्पित भाव से जुड़ी रही श्रीमती सुमन गर्ग को भावपूर्ण श्रद्धांजलि अर्पित की गई। भाव सहित मन से विधि अनुसार सुन ली जाए तो गंगा ,गया,काशी व प्रयागराज तीर्थों के बराबर है।

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