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उत्तराखंड एसटीएफ ने दिल्ली से साईबर धोखाधड़ी के मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपियों को किया गिरफ्तार

International cyber gang
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International cyber gang

देहरादून। उत्तराखंड एसटीएफ की साईबर थाना पुलिस ने अंतरराष्ट्रीय साइबर गिरोह (International cyber gang) के तीन प्रमुख सदस्यों को दिल्ली से गिरफ्तार किया है। ये आरोपी चीनी और पाकिस्तानी एजेंटों के साथ मिलकर साइबर धोखाधड़ी में शामिल थे। इन अभियुक्तों ने देहरादून के एक पीड़ित से लगभग 23 लाख रुपये की ठगी की थी। इस गिरोह के दुबई, चीन, और पाकिस्तान से जुड़े होने की जानकारी मिली है।

गिरफ्तारी की मुख्य बातें :

  • मास्टरमाइंड सहित तीन आरोपी गिरफ्तार : साइबर ठगों के मास्टरमाइंड अलमास आजम, अनस आजम, और सचिन अग्रवाल को दिल्ली के जनकपुरी वेस्ट मेट्रो स्टेशन से गिरफ्तार किया गया। इनके कब्जे से 06 मोबाइल फोन, 42 बैंक पासबुक/चेकबुक/डेबिट कार्ड, और 16 सिम कार्ड बरामद किए गए हैं।

-अंतरराष्ट्रीय कनेक्शन : प्रारंभिक जांच में पता चला है कि ये आरोपी दुबई, चीन, और पाकिस्तान में स्थित साइबर ठगों के साथ मिलकर काम कर रहे थे। उन्होंने धोखाधड़ी से प्राप्त धनराशि को क्रिप्टोकरेंसी में बदलकर USDT (क्रिप्टो करेंसी) के रूप में लेनदेन किया।

  • पीड़ित से 23 लाख रुपये की ठगी : देहरादून निवासी पीड़ित ने ऑनलाइन नौकरी के लिए आवेदन किया था, जिसके बाद आरोपियों ने उसे फर्जी इंटरव्यू और दस्तावेज़ सत्यापन के नाम पर कुल 22,96,000 रुपये की ठगी की। उन्होंने naukri.com जैसी जानी-मानी वेबसाइट से पीड़ित का सीवी हासिल कर उसे नौकरी देने का झांसा दिया था।
  • फर्जी बैंक खातों का उपयोग : इन साइबर ठगों ने फर्जी आईडी, मोबाइल नंबर और जानी-मानी कंपनियों के नाम से मेल आईडी का उपयोग कर लोगों को धोखा दिया। ठगी गई रकम को ये लोग विभिन्न फर्जी बैंक खातों में ट्रांसफर कर देते थे, जो भोले-भाले लोगों के नाम पर खोले गए थे।

अपराध का तरीका :

आरोपी फर्जी आईडी और मोबाइल नंबरों के माध्यम से नौकरी की तलाश करने वालों से संपर्क करते थे। वे फर्जी इंटरव्यू और दस्तावेज सत्यापन के नाम पर लोगों से पैसे वसूलते थे। इसके बाद वे ठगी गई धनराशि को क्रिप्टो करेंसी में बदलकर विदेशी ठगों को भेजते थे।

एसएसपी एसटीएफ की अपील :

एसटीएफ उत्तराखंड के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक आयुष अग्रवाल ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार के फर्जी नौकरी के प्रस्ताव या ऑनलाइन निवेश योजनाओं के झांसे में न आएं। किसी भी अनजान कॉलर की सत्यता की जांच किए बिना उसे अपने व्यक्तिगत और वित्तीय विवरण साझा न करें। साथ ही, किसी भी संदिग्ध गतिविधि की जानकारी तुरंत पुलिस या साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन को दें। वित्तीय साइबर अपराध की स्थिति में तुरंत 1930 नंबर पर संपर्क करें।

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