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मलिन बस्तियों के मालिकाना हक की मांग को लेकर मुख्य नगर आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा

ownership rights to slums

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देहरादून। मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने की मांग को लेकर मलिन बस्ती के लोगों का हुजूम सड़कों पर उतर आया। उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद व महानगर कांग्रेस के आह्वाहन पर देहरादून की विभिन्न मलिन बस्तियों के हजारों लोग प्रातः प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में एकत्रित हुए व तत्पश्चात प्रदेश कांग्रेस कमेटी के वरिष्ठ उपाध्यक्ष एवं उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद के केंद्रीय अध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना तथा महानगर कांग्रेस अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी के नेतृत्व में गर निगम के लिए कूच किया।

मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने और मलिन बस्तियों को उजाड़ने के खिलाफ जोरदार नारेबाजी करते हुए मलिन बस्ती वासी राजपुर रोड से होते हुए दर्शनलाल चौक से नगर निगम देहरादून पहुंचे जहां काफी देर तक प्रदशन किया गया व सभा आयोजित की गई। अपने संबोधन में भारतीय जनता पार्टी पर गरीबों के साथ वादा खिलाफी का आरोप जड़ते हुए श्री धस्माना ने कहा कि जब जब प्रदेश में या स्थानीय निकायों में भाजपा सरकारें बनती हैं तब तब गरीबों पर आफत आती है।

उन्होंने कहा कि 2012 में राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी तो गरीबों व मलिन बस्ती के लोगों से मालिकाना हक का वो वायदा कांग्रेस ने किया था। उसके अनुरूप मलिन बस्तियों को मालिकाना हक देने के लिए तत्कालीन मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बाकायदा एक समिति बनाई और उस समिति की रिपोर्ट की संस्तुति पर मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के लिए नियम कानून बनाए।

श्री धस्माना ने कहा की आज हम सरकार को दो टूक यह कहने आए हैं कि मलिन बस्तियों को मालिकाना हक़ देने के कानून पर अमल करे और अगर सरकार ने 30 दिन में मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ के मामले में निर्णय नहीं लिया तो उत्तराखंड मलिन बस्ती विकास परिषद राज्य व्यापी आंदोलन करेगी व विधानसभा और मुख्यमंत्री आवास कूच किया जाएगा।

श्री धस्माना ने कहा कि आज देहरादून की सभी मलिन बस्तियों में रहने वाले लोगों में दहशत और भ्रम पैदा हो गया है क्योंकि कुछ बस्तियों में निशान लगाए जा रहे हैं यह कह कर कि 2016 के बाद बसे लोगों को हटाया जाएगा जबकि कई ऐसे मकानों पर भी निशान लगाए गए हैं जो 2000 से भी पहले के बने हुए हैं।

श्री धस्माना ने आरोप लगाया कि भाजपा के इशारे पर आज के कार्यक्रम को फेल करने के लिए विभिन्न थानों की पुलिस ने अपने क्षेत्र की बस्ती के लोगों को रैली में नहीं जाने को कहा और हद तो यह हो गई कि 24 घंटे पूर्व कार्यक्रम की सूचना जिलाधिकारी को लिखित में देने के बावजूद आज सुबह तक कार्यक्रम की लिखित अनुमति नहीं दी गई और पुलिस के अधिकारी कूच निकालने पर मुकद्दमा कायम करने की धमकी देते रहे। श्री धस्माना ने कहा कि मलिन बस्ती वासियों और गरीब लोगों के लिए उनके ऊपर एक नही सौ मुकद्दमे भी दर्ज कर लिए जाएं तो उनको परवाह नहीं वे मलिन बस्तियों के मालिकाना हक़ की लड़ाई लड़ते रहेंगे।

इस अवसर पर महानगर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डाक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने कहा कि कांग्रेस हमेशा मलिन बस्तियों के लोगों की लड़ाई लड़ती रही है और अधिकांश मलिन बस्तियां कांग्रेस द्वारा ही बसाई गई हैं।

महिला कांग्रेस अध्यक्ष व राजपुर पार्षद उर्मिला थापा ने कहा कि देहरादून की 40 प्रतिशत आबादी मलिन बस्तियों में रहती है। उनको मालिकाना हक़ देने की शुरुआत कांग्रेस राज में हुई थी। किंतु भाजपा जब से आई मलिन बस्तियों पर उनकी कुदृष्टि पड़ी है। प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत ने कहा की कांग्रेस पार्टी श्री धस्माना के नेतृत्व में मलिन बस्तियों की लड़ाई को अंजाम तक पहुंचाएगी।

प्रदर्शन वा सभा के पश्चात श्री धस्माना वा डॉक्टर जसविंदर सिंह गोगी ने मुख्य नगर आयुक्त के माध्यम से मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा।

प्रदेश उपाध्यक्ष पूर्ण सिंह रावत निवर्तमान पार्षदों में नीनू सहगल, उर्मिला थापा, अमित भंडारी, मुकीम अहमद, एतात खान, सुमित्रा ध्यानी, अर्जुन सोनकर, सविता सोनकर, इलियास अंसारी, संगीता गुप्ता पूर्व पार्षदों में प्रमुख रूप से जगदीश धीमान, ललित भद्री, राजेश उनियाल, राजेश पुंडीर, अरुण वाल्मीकि, दिनेश कौशल, विपुल नौटियाल, अरविंद शर्मा, अनिल शर्मा, आनंद सिंह पुंडीर और विभिन्न मलिन बस्तियों से राइस फातिमा, अनिता दास, शुभम सैनी, संजय भारती, पुरषोत्तम रावत, मनमोहन शर्मा,सावित्री थापा, घनश्याम वर्मा, अनुज दत्त शर्मा, आलोक मेहता, मगन सिंह पुंडीर, सलीम अंसारी, अवधेश कथिरिया, इजहार, जगपाल शर्मा, सोनू काजी, अमीचंद सोनकर, रवीश जमाल समेत हजारों की संख्या में मलिन बस्ती वासी उपस्थित रहे।

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हर्षिता टाइम्स

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