उत्तराखंड पर्यटन

पर्यटन मंत्री ने ली शीतकालीन चारधाम यात्रा के लिए की गई तैयारियों की जानकारी

WhatsApp Image 2022 10 14 at 7.17.04 PM e1665755637342
Written by Subodh Bhatt

हर्षिता टाइम्स।

देहरादून। सर्दियों के दौरान भी उत्तराखण्ड में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए साल 2014 में शीतकालीन चारधाम यात्रा की शुरूआत की गई थी। ऐसे में इस बार भी शीतकालीन यात्रा के दौरान तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं को सभी सुविधाएं आसानी से मिल सके इसके लिए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने पर्यटन विभाग के अधिकारियों की बैठक लेकर तैयारियों की जानकारी ली। साथ ही उन्होंने लोक निर्माण विभाग के गेस्ट हाउस को पर्यटकों के लिए विकसित करने के निर्देश दिए।

शुक्रवार को गढ़ी कैंट स्थित उत्तराखण्ड पर्यटन विकास परिषद (यूटीडीबी) के सभागार में समीक्षा बैठक लेते हुए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि गंगोत्री धाम के कपाट बंद होने के बाद शीतकालीन प्रवास मुखबा, यमुनोत्री के खरसाली, केदारनाथ के ऊखीमठ और बदरीनाथ धाम के जोशीमठ व पांडुकेश्वर रहते हैं। ऐसे में सरकार का फोकस इन शीतकालीन प्रवासों में भी पर्यटन को बढ़ावा देना है। इसके लिए चारधाम के शीतकालीन प्रवासों में तीर्थयात्रियों व श्रद्धालुओं के लिए सभी सुविधाओं का ध्यान रखा जा रहा है। पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने चारधाम यात्रियों की रिकॉर्ड संख्या के दृष्टिगत लिम्का रिकॉर्ड गिनीज बुक में दर्ज कराने की स्थिति की भी जानकारी ली। गौरतलब है कि इस बार दो साल बाद बिना बंदिशों के शुरू हुई चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड तोड़ श्रद्धाओं ने चारधाम व हेमकुंड साहिब के दर्शन किए।

पर्यटन मंत्री महाराज ने कहा कि अभी तक चारधाम यात्रा में करीब 42 लाख तीर्थयात्री दर्शन कर चुके हैं। कपाट बंद होने तक यह संख्या करीब 45 लाख तक पहुंचने की उम्मीद है। ऐसे में इस साल चारधाम यात्रा में आए रिकोर्ड तोड़ तीर्थयात्रियों से बीते दो साल में चारधाम यात्रा से जुड़े कारोबारियों के नुकसान की भरपाई हो पाई है। अधिकारियों को निर्देश देते हुए पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने कहा कि चारधाम यात्रा को क्षमता के अनुसार संचालित करने के लिए एक तीर्थयात्री को साल में एक बार ही चारधाम जाने की अनुमति दी जाए। इसके लिए चारधाम यात्रा के लिए पंजीकरण की सुविधा को आधार कार्ड से जोड़ा जाए। इसके अलावा पर्यटक आवास गृहों में साफ-सफाई का विशेष ध्यान देने के साथ प्रदेश भर के होटलों को श्रेणीबद्ध किया जाए। जिससे पर्यटक अपने अनुसार होटलों का चयन कर सकें। साथ ही बाबा अमरनाथ की तर्ज पर देश-दुनिया के तीर्थ यात्री उत्तराखण्ड की नीती घाटी में टिंबरसैंण महादेव की यात्रा कर सकेंगे इसके लिए प्रचार प्रसार करने के भी निर्देश दिए।

पर्यटन मंत्री महाराज ने बताया कि सोनप्रयाग से केदारनाथ तक बनने वाले 9.7 किलोमीटर लंबे रोपवे का प्रारंभिक सर्वे पूरा कर लिया गया है, जल्द ही इस पर कार्य शुरू किया जाएगा। रोपवे बनने से तीर्थयात्री 25 किलोमीटर में यह यात्रा पूरी कर पाएंगे। रोपवे के चार स्टेशन गौरीकुंड, चीरबासा, लिन्चोली और अंतिम स्टेशन केदारनाथ में होगा।

इसके अलावा पर्यटन मंत्री महाराज ने रुद्रप्रयाग जिले में स्थित शिव और पार्वती का विवाह स्थल त्रियुगीनारायण मंदिर को वेडिंग डेस्टिनेशन के रूप में विकासित करने के लिए किए जा रहे कार्यों की भी जानकारी ली। साथ ही कार्तिक स्वामी समेत प्रदेश के ऐसे अन्य डेस्टिनेशन को भी विकसित करने के निर्देश दिए। साथ ही उन्होंने निर्देश दिए कि गुरु गोरखनाथ ट्रेक के साथ ट्रेक में पड़ने वाले मंदिरों का भी सर्किट विकसित किया जाए।

बैठक में सचिव पर्यटन सचिन कुर्वे, यूटीडीबी के अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी (साहसिक विंग) कर्नल अश्विनी पुण्डीर, प्रचार निदेशक सुमित पंत, निदेशक अवस्थापना ले. कर्नल दीपक खंडूरी, अपर निदेशक पूनम चंद, वरिष्ठ शोध अधिकारी एसएस सामन्त, उप निदेशक योगेंद्र कुमार गंगवार समेत विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

पर्यटन मंत्री ने पर्यटन विभाग की सराहना

उत्तराखंड को केंद्रीय पर्यटन मंत्रालय द्वारा दिए गए बेस्ट एडवेंचर टूरिज्म डेस्टिनेशन और पर्यटन के सर्वांगीण विकास के लिए प्रथम पुरस्कार मिलने पर पर्यटन मंत्री श्री सतपाल महाराज ने सचिव पर्यटन समेत पर्यटन विभाग की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस उपलब्धि के लिए पर्यटन कारोबारियों से जुड़े हर एक व्यक्ति ने सहयोग दिया है। ऐसे में पर्यटन विभाग पर्यटन कारोबार से जुड़े लोगों के साथ सम्मेलन कर प्रदेश के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए उनके सहयोग और सुझाव लिए जा सकें।

About the author

Subodh Bhatt

Leave a Comment