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PM मोदी ने नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग पॉलिसी लॉन्च की, देखिये वीडियो

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 13 अगस्त को नेशनल ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग पॉलिसी को लॉन्च किया। 75वें स्वतंत्रता दिवस से पहले का ये कार्यक्रम, आत्मनिर्भर भारत के बड़े लक्ष्यों को सिद्ध करने की दिशा में एक और अहम कदम है। आज देश National Automobile Scrappage Policy लॉन्च कर रहा है। ये Policy नए भारत की Mobility को, ऑटो सेक्टर को नई पहचान देने वाली है। देश में vehicle population के modernization को, unfit vehicles को एक scientific manner में सड़कों से हटाने में ये Policy बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी। देश के करीब-करीब हर नागरिक, हर इंडस्ट्री, हर क्षेत्र पर इससे सकारात्मक परिवर्तन आएगा । गुजरात में आयोजित इनवेस्टर समिट को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए संबोधित करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी ने ऑटोमोबाइल स्क्रैपिंग पॉलिसी की शुरुआत की। इस मौके पर पीएम मोदी ने कहा कि देश में अनफिट वाहनों को वैज्ञानिक तरीके से हटाने में ये नीति बहुत बड़ी भूमिका निभाएगी।

इस प्रोग्राम से ऑटो और मेटल इंडस्ट्री को बहुत बड़ा बूस्ट मिलेगा। बीते साल ही हमें लगभग 23 हज़ार करोड़ रुपए का scrap steel इंपोर्ट करना पड़ा है। क्योंकि भारत में जो अभी तक scrapping होती है, वो प्रोडक्टिव नहीं है। एनर्जी रिकवरी ना के बराबर है, high-strength steel alloys की पूरी वैल्यू नहीं निकल पाती और जो कीमती मेटल हैं उनकी रिकवरी भी नहीं हो पाती। अब जब एक साइंटिफिक, टेक्नॉलॉजी आधारित scrapping होगी तो हम rare earth metals को भी रिकवर कर पाएंगे।

समिट में पीएम मोदी के अलावाए केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी और गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी भी मौजूद रहे।

जो प्रोग्राम हमने लॉन्च किया है, उसकी टाइमिंग अपने आप में बहुत विशेष है। हम आज़ादी के 75वें वर्ष में प्रवेश करने वाले हैं। यहां से देश के लिए अगले 25 वर्ष बहुत महत्वपूर्ण हैं। इन आने वाले 25 साल में हमारे कामकाज के तरीके, हमारे रोज़मर्रा के जीवन हमारे व्यापार-कारोबार में अनेक – अनेक परिवर्तन होने वाले हैं, होंगे ही। जिस तरह Technology बदल रही है, हमारी lifestyle हो या फिर हमारी economy, दोनों में बहुत बदलाव होगा। इस परिवर्तन के बीच हमारे पर्यावरण, हमारी ज़मीन, हमारे संसाधन, हमारे raw material, इन सभी की रक्षा भी उतनी ही जरूरी है। Technology को ड्राइव करने वाले Rare earth metals जो आज ही Rare हैं, लेकिन जो Metal आज उपलब्ध हैं, वो भी कब Rare हो जाएंगे, ये कहना मुश्किल है। भविष्य में हम Technology और Innovation पर तो काम कर सकते हैं, लेकिन जो धरती माता से हमें संपदा मिलती है, वो हमारे हाथ में नहीं है। इसलिए, आज एक तरफ भारत Deep Ocean Mission के माध्यम से नई संभावनाओं को तलाश रहा है, तो वहीं Circular Economy को भी प्रोत्साहित कर रहा है। कोशिश ये है कि विकास को हम sustainable बनाएं, environment friendly बनाएं। Climate change की चुनौतियां, हम आए दिन अनुभव कर रहे हैं। इसलिए, भारत को अपने हित में, अपने नागरिकों के हित में बड़े कदम उठाने ज़रूरी हैं। इसी सोच के साथ बीते सालों में एनर्जी सेक्टर में अभूतपूर्व काम हुआ है। सोलर और विंड पावर हो या फिर बायोफ्यूल, आज भारत दुनिया में अग्रणी देशों में शामिल हो रहा है। Waste to Wealth का एक बहुत बड़ा अभियान चलाया जा रहा है। इसको स्वच्छता से भी जोड़ा गया है और आत्मनिर्भरता से भी जोड़ा गया है। बल्कि आजकल तो हम सड़कों के निर्माण में Waste का बड़ी मात्रा में उपयोग कर रहे हैं। सरकारी बिल्डिंग, गरीबों के लिए घर के निर्माण में भी recycling को प्रोत्साहित किया जा रहा है।

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