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बड़ी दुःखद खबर : नेता प्रतिपक्ष डॉ इंदिरा हृदयेश का निधन

देहरादून। उत्तराखंड कांग्रेस को आज बड़ा झटका लगा है, कांग्रेस की दिग्गज नेता एवं नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश का निधन हो गया है, जो कि उत्तराखंड की राजनीति के आज बहुत बड़ी धक्के वाली बात है, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश को उन्हें दिल्ली में आज सुबह दिल का दौरा पड़ा, जिसमें उनकी मौत हो गई है। दिल्ली के उत्तराखण्ड सदन में हुई उनकी मृत्यु, नेता प्रतिपक्ष इंदिरा ह्रदयेश की उम्र 80 साल की थी, इन्दिरा ह्रदयेश उत्तराखंड की राजनीति में आयरन लेडी के नाम से प्रसिद्ध थी, उत्तर प्रदेश से शुरू की अपनी राजनीतिक सफर नेता प्रतिपक्ष के रूप में उन्होंने समाप्त की। हल्द्वानी निवासी डॉ. इंदिरा हृदयेश दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में शामिल होने गई थी। इन्दिरा ह्रदयेश को दिल्ली से हल्द्वानी लाया जा रहा है। उत्तराखंड सदन में आज अचनाक उनकी तबीयत खराब हो गई। बताया जाता है कि उन्हें दिल का दौरा पड़ा।

कुछ समय पहले ही नेता प्रतिपक्ष कोरोना से उभरी थी और उनकी हार्ट संबंधी इलाज भी हुआ था। कल वह दिल्ली में कांग्रेस की बैठक में मौजूद रहीं। 11 जून को ही उन्होंने कांग्रेस के देशव्यापी प्रदर्शन के आह्वान पर महंगाई के विरोध में हल्द्वानी में प्रदर्शन में भाग लिया था।

इंदिरा हृदयेश का परिचय :

इंदिरा हृदयेश (जन्म 7 अप्रैल 1941- मृत्यु 13 जून 2021) एक भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस नेता, विधायक और साथ ही भारत में उत्तराखंड विधानसभा में विपक्ष की नेता हैं। वह 2012 के उत्तराखंड विधान सभा चुनाव में हल्द्वानी निर्वाचन क्षेत्र से चुनी गई थीं। वह उत्तराखंड 2012 से 2017 तक उत्तराखंड सरकार में हरीश रावत के तहत संसदीय कार्य, उच्च शिक्षा और योजना मंत्री थीं।

उत्तराखंड में कांग्रेस की वरिष्ठ नेता इंदिरा वर्ष 1974 से लगातार चार बार उप विधानपरिषद सदस्य चुनाव जीतती रही है। राज्य गठन के बाद 2002 में इन्होंने पहली बार चुनाव हल्द्वानी से लड़ा। भाजपा के दिग्गज नेता बंशीधर भगत को पटखनी दी। एनडी तिवारी के नेतृत्व वाली सरकार में वित्त, लोनिवि एवं संसदीय कार्य जैसे विभागों को संभाला। 2007 में बंशीधर भगत ने उन्हें मात दी। 2012 में भाजपा की रेनू अधिकारी को हराकर वह पांच साल सरकार में नंबर दो की हैसियत में रहीं। इस वक्त वह नेता प्रतिपक्ष थी

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