देहरादून 13 मार्च। राज्यपाल बेबी रानी मौर्य ने शनिवार को राजभवन के प्रागंण में वसन्तोत्सव-2021 का शुभारम्भ किया। राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने रंगीन गुब्बारे हवा में छोडकर एवं खाने योग्य पुष्पों ((Edible Flower) द्वारा निर्मित केक काट कर वसन्तोत्सव का शुभारम्भ किया। राज्यपाल ने डाक विभाग द्वारा इस वर्ष के लिये चयनित मधुमक्खी की प्रजाति एपिस सेरिना पर डाक एवं तार विभाग द्वारा जारी किये गये डाक कवर का विमोचन भी किया। उल्लेखनीय है कि कृषि एवं औद्यानिकी में मधुमक्खियों का विशेष महत्व है। यें फलदार पौधों, सब्जी, मसाला, तिलहन, दलहन एवं जंगली पौधों के पुष्पों के परागण में महत्वूर्ण भूमिका निभाती हैं।
राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने प्रदर्शनी में लगाये गये विभिन्न स्टॉलों का भ्रमण किया । उन्होंने पेन्टिंग प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले दिव्यांग एवं अशक्त बच्चों 135 बच्चों को जूट बैग एवं कैप वितरित किये। मीडिया से बात करते हुये राज्यपाल श्रीमती मौर्य ने कहा कि वसन्तोत्सव के माध्यम से विभिन्न प्रकार के पौधों के वृक्षारोपण के लिये आमजन को प्रोत्साहित किया जा रहा है। यह महोत्सव लोगों को प्रकृति से जुड़ने का भी संदेश देता है। जनमानस को पर्यावरण संरक्षण के लिये प्रोत्साहित किया जाना चाहिये। वसन्तोत्सव के माध्यम से किसानों को भी प्रोत्साहन मिलेगा।
आज के आयोजन में कुल 11 श्रेणियों की 46 उपश्रेणियों में कुल 1316 प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं राजभवन के प्रांगण में राजकीय व निजी संस्थानोंध्व्यक्तियों द्वारा कुल 171 स्टॉल लगाये गये। जिसमें औद्यानिक यन्त्र, बायोफर्टिलाइजर, जैविक कीटव्याधि नियंत्रक उत्पादन करने वाली विभिन्न फर्मों एवं औद्यानिक गतिविधियों से जुड़े गैर सरकारी संस्थाओंध्स्वयं सहायता समूहोंध्स्थानीय उत्पादक संगठनों द्वारा अपने कार्यक्रमोंध्उत्पादों का प्रदर्शन किया गया।
इस वर्ष प्रथम बार आमजन को यह सूचित करने के लिए कि पुष्पों का उपयोग सजावट के अतिरिक्त खाद्य पदार्थ के रूप में भी किया जा सकता है, खाने योग्य पुष्पों (Edible Flowers) यथा- गुलाब, गुडहल, रोडोडेन्ड्रॉन, कैलेन्डुला, स्ट्रॉबेरी ब्लॉसम इत्यादि की प्रतियोगिता सम्मिलित की गई है। जनपद देहरादून में ‘‘एक जनपद एक उत्पाद’’ के अन्तर्गत बेकरी उत्पादों का चयन किये जाने के फलस्वरूप बेकरी उत्पादों हेतु उपयुक्त खाने योग्य फूलों को भी प्रतियोगिता में प्रथम वार सम्मिलित किया गया।
प्रदर्शनी में कोविड-19 के समस्त मानकों का पालन करते हुए विभिन्न क्रियाकलाप संचालित किये गये एवं इस सम्बन्ध में आमजन को जागरूक करने के लिए भी समय-समय पर उद्घोषणा की गयी। इस अवसर पर रेडक्रॉस सोसाइटी द्वारा मास्क एवं सैनेटाईजर की व्यवस्था की गयी। साथ ही दिव्यांग बच्चों हेतु राजभवन परिसर में 10 व्हील चेयर की व्यवस्था की गयी तथा राजभवन के मुख्य प्रवेश द्वार पर थर्मल स्कैंनिग मशीन, मास्क एवं सैनेटाइजर की व्यवस्था की गयी।
भारतीय सैन्य संस्थान इण्डो तिब्बत बार्डर पुलिस (प्ज्ठच्) एवं पी0एस0सी0 के बैंड आकर्षण का मुख्य केन्द्र रहे। आमजन के खान-पान की सुविधा के लिए विभाग द्वारा गतवर्षों की भांति आई0एच0एम0 एवं जी0आई0एच0एम0 एवं अन्य संस्थाओं के द्वारा फूड कोर्ट में विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट, पौष्टिक, गुणवत्तायुक्त व्यंजनों के पैक्ड फूड की व्यवस्था की गयी, जिसमें हाईजीन एवं सैनिटेशन का विशेष ध्यान रखा गया।
बसंतोत्सव में कट फ्लावर(पारम्परिक) प्रतियोगिता में 575 प्रतिभागी, कट फ्लावर (गैर पारम्परिक) श्रेणी में 101 प्रतिभागी, पॉटेड प्लान्ट श्रेणी में 19, लूज फ्लावर श्रेणी में 67, पॉटेड प्लान्ट(गैर पुष्प) श्रेणी में 53, कैक्टस श्रेणी में 53, हैंगिंग पॉट श्रेणी में 19, ऑन स्पॉट फोटोग्राफी में 28, फ्रेश पेटल रंगोली में 17 और पेंटिंग प्रतियोगिता में 352 प्रतिभागियों द्वारा हिस्सा लिया गया है। कुल 1316 प्रतियोगियों द्वारा विभिन्न प्रतियोगिताओं में हिस्सा लिया गया है। इन प्रतियोगिताओं में प्रथम, द्वितीय व तृतीय पुरस्कार दिये जायेगें। पुरस्कार निर्णायक मण्डल के निर्णय के उपरान्त दिनांक 14 मार्च, 2021 को पुरस्कार विजेताओं को प्रदान किये जायेगे।
पुष्प उत्पादकों व पुष्प क्रेताओं के मध्य सीधे सामन्जस्य स्थापित करने हेतु उत्तराखण्ड औद्यानिक बोर्ड द्वारा क्रेता-विक्रेता सभा का आयोजन किया गया। आज के कार्यक्रम में प्रदेश के समस्त जनपदों से किसानों द्वारा प्रतिभाग किया गया एवं समस्त जनपदों से विभागीय अधिकारियों/कर्मचारियों के साथ ही आमजन द्वारा भी बढ़-चढ़ कर भागेदारी की गयी।
इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज एवं सुबोध उनियाल भी इस अवसर पर उपस्थित थे। सचिव, कृषि एवं कृषक कल्याण डा. हरबंस सिंह चुघ, अपर सचिव जितेन्द्र कुमार सोनकर, अपर सचिव कृषि एवं कृषक कल्याण उमेश नारायण पाण्डे, निदेशक उद्यान डा0 एच0एस0 बवेजा, निदेशक सगन्ध पादप केन्द्र डा0 नृपेन्द्र चैहान, निदेशक एच.आर.डी.आई. डा0 चन्द्रशेखर सनवाल आदि भी उपस्थित थे।