उत्तराखंड

पढ़िये मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहुंचे ऐसी दुर्गम घाटी जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश का कोई भी मुख्यमंत्री नहीं पहुंचा

WhatsApp Image 2021 02 03 at 3.03.48 PM
Written by Subodh Bhatt

गोपेश्वर। सरकार जनता के द्वार के सिद्धांत को सार्थक करते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत सीमांत जनपद चमोली की एक ऐसी घाटी में पहुंचे, जहां देश की आजादी के बाद से अब तक प्रदेश के किसी भी मुख्यमंत्री ने आना मुनासिब नहीं समझा। दुर्मी नाम की इस दुर्गम घाटी की जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत को सम्मानित करने के लिए आमंत्रित किया था। बीते 9 नवंबर को राज्य स्थापना दिवस पर ऐतिहासिक दुर्मी ताल (तालाब) के पुनर्निर्माण की घोषणा किए जाने के एवज में जनता ने मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत का सम्मान किया।

WhatsApp Image 2021 02 03 at 3.03.50 PM
इस मौके पर मुख्यमंत्री ने दुर्मी-निजमुला घाटी में एक प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र खोलने समेत बदरीनाथ विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए बुनियादी सुविधाओं से संबंधित लगभग एक दर्जन घोषणाएं कीं। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पहाड़ की महिलाओं के सिर से घास का बोझ हटाने की योजना बना रही है, इस योजना को अमल में लाने के लिये आगामी बजट में धनराशि की घोषणा की जाएगी। इस योजना को अगले पांच वर्ष में पूरी तरह धरातल पर उतार दिया जाएगा।
दरअसल, दुर्मी घाटी में 14 ग्राम पंचायत शामिल हैं। घाटी की जनसंख्या लगभग 8000 है। विकास और बुनियादी सुविधाओं की दृष्टि से इस घाटी में अभी बहुत कुछ होना बाकी है। यहां की जनता पिछले कई वर्षों से सन 1970 की बाढ़ में टूट चुके दुर्मी ताल की मांग कर रही है। जिसकी घोषणा मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत पहले ही कर चुके हैं। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक महेन्द्र भट्ट, भाजपा के जिलाध्यक्ष रघुवीर बिष्ट, दर्जाधारी राज्यमंत्री रिपुदमन सिंह रावत, जिला सहकारी बैंक चमोली के अध्यक्ष गजेन्द्र सिंह रावत आदि मौजूद रहे।

About the author

Subodh Bhatt

Leave a Comment