गोपेश्वर। मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने गोपेश्वर में जिला प्रशासन द्वारा संचालित निशुल्क प्रेरणा कोचिंग सेंटर में युवाओं से संवाद किया। प्रतिभाशाली और निर्धन बच्चों के लिए कोचिंग सेंटर की शुरूआत करने पर मुख्यमंत्री ने जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया को बधाई देते हुए कहा कि प्रतिभाओं को पहचानने और उन्हें उपयुक्त अवसर दिए जाने की जरूरत है।
पूर्व राष्ट्रपति डा.एपीजे अब्दुल कलाम का उदाहरण देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि खुली आंखों से सपने देखने वाले ही जीवन में आगे बढ़ पाते हैं। स्वामी विवेकानंद जी ने कहा था कि जागो, उठो और जब तक लक्ष्य प्राप्त न हो, रूको नही। ऐसी सोच रखने पर ही सफलता मिलती है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि समाज और देश की प्रगति तभी सम्भव है जब सभी लोगों को साथ लेकर आगे बढ़ा जाए। कमजोर तबके पर विशेष ध्यान दिए जाने की आवश्यकता है। हमारी सरकार की सोच भी यही है। इसी सोच के साथ हम काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने इस बात पर प्रसन्नता व्यक्त की कि हर साल इस कोचिंग सेंटर से विभिन्न परिक्षाओं में चयनित होने वाली बालिकाओं की संख्या में वृद्धि हो रही है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसी कोई वनस्पति नहीं है जिसमें कोई औषधीय गुण न हो, इसी प्रकार ऐसा कोई व्यक्ति नहीं है जिसमें कोई गुण न हो। व्यक्तियों में छुपे गुणों को पहचानने की जरूरत है। बच्चों को उनकी योग्यता और रूचि के अनुसार प्रोत्साहित किया जाना चाहिए।
कार्यक्रम में बताया गया कि दिसम्बर 2018 में जिलाधिकारी स्वाति भदौरिया द्वारा गरीब और मेधावी बच्चों को प्रतियोगी परिक्षाओं की तैयारी कराने के लिए प्रेरणा कोचिंग सेंटर की स्थापना की गई थी। अभी तक यहां से कुल 29 बच्चे विभिन्न स्थानों पर चयनित किए जा चुके हैं। कोचिंग सेंटर में प्रवेश के लिए मेरिट आधार पर बच्चों का चयन किया जाता है।
छात्रा कविता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि पहले प्रतियोगी परिक्षाओं की स्तरीय तैयारी के लिए देहरादून आदि जगहों पर जाना पड़ता था। आर्थिक रूप से कमजोर युवा तैयारी नहीं कर पाते थे। अब गोपेश्वर में निशुल्क प्रेरणा कोचिंग सेंटर संचालित होने से क्षेत्र के युवाओं को बहुत सहूलियत हुई है। इसका परिणाम भी मिलने लगा है।
इस अवसर पर विधायक महेन्द्र भट्ट, मुन्नी देवी शाह, सुरेंद्र सिंह नेगी सहित छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।