देहरादून, 19 जनवरी 2021। उत्तराखण्ड की कृषि समिति और फिक्की फ्लो ने स्थायी कृषि महिला उद्यमियों के लिए जैविक खेती विषय पर वेबिनार का आयोजन किया। इस वेबिनार के प्रमुख वक्ता राम विलास यादव, निदेशक, बागवानी, उत्तराखण्ड सरकार रहे। इस सत्र में फिक्की फ्लो के सभी 17 चैप्टर के सदस्यों ने भाग लिया। इस वेबिनार के मुख्या अतिथि कृषि मंत्री, उत्तराखण्ड़ सरकार सुबोध उनियाल और गेस्ट ऑफ हॉनर जाह्न्वी फूकन, राष्ट्रीय अध्यक्ष फिक्की फ्लो रही।
इस वेबिनार में कृषि मंत्री, उत्तराखण्ड़ सरकार सुबोध उनियाल ने कहा कि मैं स्थायी कृषि महिला उद्यमियों के लिए जैविक खेती विषय पर आयोजित वेबिनार पर प्रभावी ज्ञान साझाकरण सत्र का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं। स्थायी कृषि समय की जरूरत है और हमें मानव जाति की भलाई के लिए इसका प्रचार प्रसार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि हम जानते है उत्तराखण्ड की महिलाएं बहुत मेहनती और कार्य के प्रति समर्पित हैं। यह सत्र निश्चित रूप से उन्हें अपने कौशल को बढ़ाने और बेहतर आजीविका कमाने में मदद करेगा।
इस अवसर पर अपने विचार रखते हुए श्रीमती जाह्न्वी फूकन, राष्ट्रीय अध्यक्ष, फिक्की फ्लो ने बताया यह एक निर्विवाद तथ्य है कि जैविक खेती में महिलाओं की भागेदारी उन्हें सशक्त बनाएगी और लैंगिक समानता को भी बढ़ावा देगी। लेकिन अभी भी कई नीतिगत मुद्दे हैं, जिन्हें कृषि और महिलाओं की भूमिका के संदर्भ में पूरी क्षमता तक पहुंचाने के लिए उनको सरल करने की जरूरत है। कृषि के कुछ नीतिगत मुद्दों को हल करने के लिए अधिक समावेशी और नवीन वातावरण बनाना भी महत्वपूर्ण है जिससे कि महिला उद्यमियों प्रोत्साहन मिल सके। उन्होंने कहा कि फिक्की फ्लो उत्तराखंड चैप्टर द्वारा आयोजित इस वेबिनार का हिस्सा बनकर बहुत खुश हूं, क्योंकि मैं आशा करती हूँ कि महिला उद्यमियों के लिए जैविक खेती आर्थिक उत्थान और दीर्घकालिक स्थिरता और आजीविका का प्रयोजन बन सके। उन्होंने कहा कि यह केवल महिलाओं की स्थायी आजीविका के माध्यम से है जो उनके सशक्तीकरण को बढ़ावा दिया जा सकता है और महिलाओं के आर्थिक सशक्तिकरण से ही समतामूलक समाज का निर्माण हो सकता है। ”
किरण भट्ट टोडरिया, अध्यक्ष, फिक्की फ्लो ,उत्तराखण्ड चैप्टर ने अपने विचार रखते हुए कहा , ‘महिलाएं उत्तराखण्ड की रीढ़ हैं। पिछले कुछ वर्षों में बहुत से इनोवेशन और तकनीकी प्रगति हुई हैं जो स्थायी कृषि के क्षेत्र में बदलाव और अवसरों को बढ़ाया हैं लेकिन अभी भी यह क्षेत्र वैश्विक स्तर पर कुछ चुनौतियों का सामना कर रहा है। हमने कृषि क्षेत्र के विशेषज्ञों को एक साथ लाने और अपने विचारों को इस विषय पर साझा करने की कोशिश की है। हम उत्तराखण्ड की प्रतिभाशाली और मेहनती महिला उद्यमियों के लिए ऑर्गेनिक फार्मिंग पर उन्हें शिक्षित करने और आगे बढ़ने के सहयोग देने को तत्पर है, ताकि वे स्थायी कृषि से अपनी आजीविका कमाने के लिए समान लाभ उठा सकें। ”