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प्रशिक्षित बेरोजगार बीएड टीईटी ने शिक्ष मंत्री आवास पर प्रदर्शन किया

Written by admin

देहरादून, 15 जनवरी, 2021। बीएड टीईटी वर्ष वार महासंघ एक प्रतिनिधिमंडल प्रदेश अध्यक्ष राजीव राणा, महासचिव बलबीर बिष्ट, प्रदेश प्रवक्ता अर्पण जोशी, मीडिया प्रभारी अरविंद राणा, महामंत्री विवेक नैनवाल, मनोज रावत, हरी प्रसाद थपलियाल, बड़े संख्या बल के साथ माननीय शिक्षा मंत्री जी श्री अरविंद पांडे जी से उनके निवास स्थान यमुना कॉलोनी में मिलाने गया परन्तु शिक्षामंत्री जी देहरादून में नही होने के कारण महासंघ के प्रतिनिधि मंडल ने शिक्षामंत्री जी के निजी सचिव नरेंद्र तिवारी जी से मिला तथा उनसे एनआईओएस डीएलएड के वास्तविक उद्देश्य एवं संस्थानों द्वारा जो अनियमितता और फर्जीवाड़ा किया गया उसके संदर्भ में तथ्यों को संलग्न करके ज्ञापन दिया! क्योंकि शासन प्रशासन में एनआईओएस डीएलएड को गतिमान भर्ती प्रक्रिया में असंवैधानिक नियमों व प्रयासों से बैक डोर एंट्री देने पर बहुत गहनता के साथ मंथन चल रहा है!
प्रदेश अध्यक्ष राजीव राणा जी ने समस्त तथ्यों के साथ अवगत कराया, तथा शिक्षा मंत्री जी के साथ साथ राज्य सरकार एवं शासन प्रशासन को इस पत्र के माध्यम से बताया है कि संवैधानिक और नैतिक रूप से एनआईओएस डीएलएड को रेगुलर इ.मक और रेगुलर डीएलएड के समतुल्य कभी नहीं किया जा सकता।
एनसीटीई का मान्यता पत्र 22 सितंबर 2017 को जारी हुआ था जिसमें स्पष्ट लिखा गया हुआ था कि एनआईओएस से डीएलएड 18 महीने का कार्यक्रम है जो इन सर्विस टीचर्स के लिए अहर्ता पूरी करने हेतु आरंभ किया गया था!
इस कार्यक्रम में रजिस्ट्रेशन के लिए कोई भी प्रवेश परीक्षा नहीं थी, कोई भी उम्र की बाध्यता नहीं थी, न्यूनतम शैक्षिक योग्यता इंटर थी तथा 1 सप्ताह में केवल रविवार को शहर के विभिन्न शिक्षण संस्थानों में एनसीटीई के मानकों की अनदेखी कर कक्षाएं संचालित होती थी!
एनआईओएस डीएलएड के संचालन हेतु राज्य के कई शिक्षण संस्थानों में स्वयं के स्वार्थ के लिए अनियमितता के साथ-साथ फर्जीवाड़ा भी किया गया, क्योंकि एनआईओएस डीएलएड में बीएड टीईटी अभ्यर्थी को गलत एवं असंवैधानिक ढंग से तथ्यों को छुपाकर डीएलएड कराया गया जोकि अमान्य एवं अवैध था और जिसके बाद इन बीएड अभ्यर्थियों ने वर्तमान में प्राथमिक भर्ती प्रक्रिया में अपने को क.मस.मक अभ्यार्थी दर्शा कर बहुत ही जघन्य अपराध किया है जिसके लिए शिक्षा मंत्री जी, के साथ-साथ राज्य के यशस्वी मुख्यमंत्री श्री त्रिवेंद्र रावत जी, माननीय राज्यपाल, माननीय विधानसभा अध्यक्ष, माननीय प्रदेश अध्यक्ष भारतीय जनता पार्टी, माननीय शिक्षा सचिव और शिक्षा निदेशक को तथ्यों के साथ अवगत कराया जाएगा! और पूछा जाएगा कि आप सभी गणमान्य लोग क्यों अपने पर्सनल लेटर पैड पर एनआईओएस डीएलएड को प्राथमिक भर्ती में लेने हेतु सिफारिश कर रहे हैं!
राज्य के विभिन्न जिलों से प्राप्त आरटीआई में से हम प्रमाण के रूप में प्रस्तुत कर रहे हैं , जोकि गुरु राम राय पब्लिक स्कूल देवाल (जिला चमोली)से प्राप्त हुई है!इस आरटीआई में स्पष्ट दिया गया है कि किस प्रकार शिक्षण संस्थानो ने स्वयं के स्वार्थ एवं फर्जीवाड़ा कर बीएड टीईटी अभ्यार्थियों को एनआईओएस डीएलएड की डिग्री उपलब्ध करा कर शिक्षा को कलंकित करने का महा पाप किया है! साथी साथ कैसे इंटरमीडिएट की आरता जोकि एनआईओएस डीएलएड के लिए दी गई थी को उत्तराखंड सरकारी डायट क.मस.मक जिसके लिए न्यूनतम अहर्ता स्नातक है, के समतुल्य किस संवैधानिक आधार पर किया जा सकता है, क्या यही शिक्षा की गुणवत्ता है !

एनसीटीई और एमएचआरडी जैसे उच्च संस्थान पूरे भारत में अलग-अलग राज्यों के माननीय उच्च न्यायालय में संदेह पूर्ण एवं विरोधाभास तर्क अपने काउंटर एफिडेविट में दे रहे है जैसा कि माननीय गुवाहाटी उच्च न्यायालय में एनसीटीई ने 23- 11 -20 को अपने पत्र में दिया है कि एनआईओएस डीएलएड 18 महीने का कार्यक्रम केवल इंसर्विस टीचर्स के लिए उसी प्राइवेट स्कूल में अहर्ता पूरी करना था तथा यह भी स्पष्ट किया कि एनआईओएस डीएलएड सरकारी नई नियुक्तियों में अमान्य है जिसकी प्रतिलिपि संलग्न की जा रही है!

बीएड टीईटी वर्ष वार महासंघ शासन प्रशासन से यह पूछना चाहता है की जब एनआईओएस डीएलएड 2017 में प्रारंभ हुआ था तथा 2018 एवं 2019 के केंद्रीय शिक्षक पात्रता परीक्षा एवं उत्तराखंड शिक्षक पात्रता परीक्षा में इनको सीबीएसई दिल्ली तथा उत्तराखंड विद्यालय शिक्षा परिषद रामनगर नैनीताल ने कोई भी अनुमति आवेदन करने के साथ-साथ परीक्षा में बैठने की अनुमति नहीं दी थी, और ना ही, इनकी न्यूनतम शैक्षिक को आवेदन पत्र के साथ साथ सूची पत्र (प्रोस्पेक्टस) में दिया था, तो किस प्रकार एनआईओएस डीएलएड ने 2017,2018,2019 की सीटीईटी और यूटीईटी परीक्षा पास की, जो निश्चित ही अपनी वास्तविक शैक्षिक योग्यता को छुपाकर फर्जीवाड़े करके पास किया गया और आज एनआईओएस डीएलएड सीटीईटी एवं यूटीईटी के प्रमाण पत्रों के आधार पर अपने को गतिमान भर्ती प्रक्रिया में सम्मिलित करने हेतु वर्तमान सरकार के विधायक गणों तथा जनप्रतिनिधियों को वास्तविकता ना बता कर अपने को असंवैधानिक रूप से पात्र करने के लिए राजनीतिक सिफारिशों के साथ-साथ अनैतिक प्रयास कर रहा है!
अखबार पत्र के माध्यम से हम राज्य सरकार तथा शासन प्रशासन से विनम्र प्रार्थना करते हैं कि आप एनआईओएस क.मस.मक को असंवैधानिक, और अमान्य रूप से बैक डोर प्रवेश देने का प्रयास ना करें कथा इस कार्यक्रम के संचालन हेतु शिक्षण संस्थानों तथा अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों(सीटीईटी, यूटीईटी, बीएड अभ्यर्थियों की अमान्य एनआईओएस डीएलएड डिग्री) की एसआईटी जांच करवाने के निर्देश दें जिससे कि रेगुलर बीएड एवं रेगुलर डीएलएड बेरोजगारों का राज्य सरकार के प्रति विश्वास बना रहे तथा बेरोजगारों के भविष्य का अहित होने से बचाया जा सके, जिसके लिए उत्तराखंड के समस्त इ.मक और क.मस.मक बेरोजगार आपके ऋणी के साथ-साथ आभारी रहेंगे! प्रतिनिधिमंडल में, सीमा नौटियाल, अंजू कोठियाल, प्रीति, कविता, सुबोध , जय वालिया, जगत सिंह, रमोला, रीना बर्थ वाल, मीना बसेरा, सूरज, दिनेश, मनोज आदि उपस्थित रहे!

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