साहित्य

मुख्यमंत्री ने साहित्यकारों को प्रदान किये उत्तराखण्ड साहित्य गौरव सम्मान

Spread the love

Uttarakhand Literature Honor Award

देहरादून। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने उत्तराखंड भाषा संस्थान द्वारा सर्वे चौक स्थित आई0आर0डी0टी0 सभागार में आयोजित कार्यक्रम में 10 साहित्यकारों को उत्तराखंड साहित्य गौरव सम्मान प्रदान किये। मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान के साहित्य गौरव सम्मान समारोह में उपस्थित प्रदेश और देश के विभिन्न हिस्सों से आये साहित्यकारों और भाषा प्रेमियों का स्वागत करते हुए सभी को विश्व मातृभाषा दिवस की भी शुभकामनाएं दी।

मुख्यमंत्री ने उत्तराखण्ड भाषा संस्थान से अपेक्षा की कि वे अपनी साहित्यिक एवम् भाषाई गतिविधियों को व्यापक स्तर प्रदान कर प्रदेश में साहित्य ग्राम बनाने में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन भी करें, इससे प्रदेश में स्थानीय भाषाओं के साथ-साथ छोटे-छोटे क्षेत्रों में बोली जाने वाली बोलियों व उनमें रचे जा रहे साहित्य को भी प्रोत्साहन मिलेगा।

Uttarakhand Literature Honor Award :- मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तराखण्ड की पहचान एक ऐसे राज्य के रूप में है, जहां भाषा और साहित्य की सेवा करने वाली अनेक विभूतियों- सुमित्रानंदन पंत, भजन सिंह, गोविंद चातक, गुमानी पंत, शैलेश मटियानी, डॉ पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल, मनोहर श्याम जोशी, गौरा पंत शिवानी, शेखर जोशी, लीलाधर जगूड़ी, वीरेन डंगवाल, गिरीश तिवारी गिर्दा और भैरव दत्त धूलिया ने जन्म लिया, जिन्होंने अपनी रचनाओं से उत्तराखण्ड की चिंतन परंपरा को विराट भावभूमि प्रदान की है।

इसके अतिरिक्त इलाचंद्र जोशी, ओमप्रकाश वाल्मीकि, सरदार पूर्ण सिंह, प्रसून जोशी, गंगाप्रसाद विमल, शेरजंग गर्ग आदि अनेकों साहित्यकारों का महत्वपूर्ण योगदान है। उन्होंने कहा कि उत्तराखण्ड में साहित्य के क्षेत्र में छोटे से स्थानों में जन्म लेकर सुमित्रानन्दन पन्त, शैलेश मटियानी, लीलाधर जगूड़ी आदि जैसे महान रचनाकारों ने इसकी चिन्तन परम्परा को विराट भाव भूमि प्रदान की है।

Uttarakhand Literature Honor Award :- इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने प्रो. लक्ष्मण सिंह बटरोही को सुमित्रानन्दन पन्त पुरस्कार, देवकीनंदन भट्ट मयंक को गुमानी पन्त पुरस्कार, गिरीश सुंदरियाल को भजन सिंह ‘सिंह’ पुरस्कार, सुरेश मंमगाई को गोविन्द चातक पुरस्कार, प्रेम कुमार साहिल को अध्यापक पूर्ण सिंह पुरस्कार, के0ए0 खान उर्फ नदीम बरनी को प्रो0 उनवान चिश्ती पुरस्कार, प्रो.शैलेय को महादेवी वर्मा पुरस्कार, डॉ सुशील उपाध्याय को शैलेश मटियानी पुरस्कार, डॉ ललित मोहन पंत को डॉ0 पीताम्बर दत्त बड़थ्वाल पुरस्कार तथा गणेश खुगशाल ‘गणी’ को भैरव दत्त धूलिया पुरस्कार से सम्मानित किया तथा कहा कि आप सभी को सम्मानित कर भाषा संस्थान स्वयं सम्मानित हुआ है।

Uttarakhand Literature Honor Award :- कार्यक्रम को मुख्य वक्ता के रूप में बोलते हुये पूर्व मुख्य सचिव इन्दू कुमार पाण्डेय ने कहा कि वेदों के जो भी मंत्र हैं, उनमें देवता का आह्वान होता है। उन्होंने कहा कि कवि को परिभाषित नहीं किया जा सकता है, वह मंत्र द्रष्टा है। इसी कारण शब्द को ब्रह्म का नाम दिया गया है। उन्होंने कहा कि भारतीय परम्परा में शब्द को ब्रह्म कहा गया है तथा हमारी साहित्य की परम्परा काफी समृ( है।

कार्यक्रम को विधायक खजान दास, निदेशक उत्तराखण्ड भाषा संस्थान स्वाति एस0 भदौरिया, डॉ सुधा पाण्डे ने भी भाषा संस्थान द्वारा उठाये गये कदमों के सम्बन्ध में विस्तार से प्रकाश डाला।

इस मौके पर मुख्यमंत्री व अन्य गणमान्य व्यक्तियों ने संस्थान की पत्रिका तथा कुमाऊंनी भाषा साहित की पराण नामक पुस्तिका का विमोचन भी किया। मंच का सफल संचालन हेमन्त बिष्ट ने किया।

इस अवसर पर सचिव विनोद रतूड़ी, प्रो0 कुमुदिनी नौटियाल, प्रो0 लक्ष्मण, बीना वेंजवाल, प्रतिबिम्ब बड़थ्वाल, नवीन लोहानी, लोक गायक श्री नरेन्द्र सिंह नेगी, श्री हयात सिंह रावत सहित बड़ी संख्या में साहित्यकार व साहित्य प्रेमी उपस्थित थे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *