Garden Scam
देहरादून, 27 अक्टूबर। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि उच्च न्यायालय द्वारा सालों से उत्तराखण्ड में चल रहे उद्यान घोटालों (Garden Scam) की जांच सी0बी0आई0 को देने से सिद्ध हो गया है कि उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे हैं।
उन्होंने कहा कि राज्य के उद्यान घोटालों (Garden Scam) में केवल निदेशक बबेजा ही लिप्त नहीं हैं बल्कि प्रदेश सरकार और भाजपा के विधायक व नेता भी सम्मलित हैं। इस आदेश में दलनाम आने के बाद राज्य के उद्यान मंत्री और रानीखेत विधायक से नैतिकता के आधार पर इस्तीफा देना चाहिये ।
उद्यान घोटाला: उत्तराखण्ड में भ्रष्टाचार की गंगा में सभी डुबकी लगा रहे हैं: नेता प्रतिपक्ष
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि, राज्य में हो रहे हर भ्रष्टाचार में राज्य सरकार भी हिस्सेदार है इसलिए राज्य के अधिकारी व जांच एजैसियां भ्रष्ट अधिकारियों को संरक्षण देते हुए उनके विरुद्ध सही जांच नहीं ंकर रही हैं।
Garden Scam की जांच सहित तीन घोटालों की जांच सी0बी0आई0 को सोंपी हैं :-
उन्होंने साफ किया कि राज्य के अधिकारी और एस0आई0टी0 जांच में नकारा सिद्ध हुए हैं इसलिए इस साल उच्च न्यायालय ने उद्यान घोटाले (Garden Scam) की जांच सहित उत्तराखण्ड से संबधित तीन घोटालों की जांच सी0बी0आई0 को सोंपी हैं।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, हिमाचल में विजीलैंस जांच में दोषी अधिकारी बबेजा को उत्तराखण्ड में उद्यान जैसे महत्वपूर्ण विभाग का निदेशक बना कर केवल इसलिए लाया गया कि उसे घोटालों को करने में महारत हासिल थी।
शिकायत मिलने पर उत्तरकाशी के जिला अधिकारी ने मामले की जांच कराई तो मामला सभी शिकायतें सही पायी गयीं और जांच रिपोर्ट शासन को भेज दी थी। क्योंकि पौध आपूर्ति का यह कार्य पूरे राज्य के लिए दिया जा रहा था तो भ्रष्टाचार केवल जिला उद्यान अधिकारी, उत्तरकाशी के हाथों से नहीं हो रहा था।
भ्रष्टाचार की इस पटकथा के असली लेखक उद्यान विभाग के निदेशक और उससे भी ऊंपर का कोई और था जो अधिकारियों द्वारा बेखौफ होकर इस तरह का करोड़ों रुपए का गबन किया जा रहा था। जिला अधिकारी उत्तरकाशी की रिपोर्ट के बाद भी सरकार ने न कोई जांच बिठाई न कार्यवाही की।
यशपाल आर्य ने कहा कि इससे पहले भी बबेजा ने अपनी चहेती नर्सरियों को फायदा पंहुचाने के लिए कीवी से लेकर कही पौधों कही फल व सब्जी प्रजाती के पौधों के मूल्य नियमों और परंपरा के विपरीत कई गुना बड़ाए।
निदेशक ने पिछले विधानसभा चुनाव से पहले अर्न्तराष्ट्रीय सेमीनारों के नाम पर अपनी पत्नी और कुछ चहेतों को उत्तराखण्ड बुलाकर करोड़ों रुपए डकारे।
नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि इन सभी मामलों को विपक्ष ने सभी जगह उठाया परंतु सरकार ने ढिलाई दिखाते हुए कोई जांच नहीं की। मजबूरन कुछ समाजसेवी और बागवान उच्च न्यायालय की शरण में गए।
यशपाल आर्य ने आरोप लगाया कि उच्च न्यायालय ने मामले की गंभीरता को देखते हुए पहले ही उद्यान से जुड़े सभी घपलों की जांच सी0बी0आई0 को देने का प्रस्ताव रखा था परंतु राज्य सरकार उससे पहले ही राज्य पुलिस की एस0आई0टी0 की जांच का नोटिफिकेशन जारी कर दिया।
राज्य सरकार ने यह कदम भी भ्रष्ट नेताओं और अधिकारियों को बचाने के लिए लिया गया था। नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि, उच्च न्यायालय के सी0बी0आई0 जांच के आदेश ने राज्य सरकार के ‘‘जीरो करप्शन माडल’’ की हकीकत सामने ला दी है। निर्णय की हर पंक्ति यह सिद्ध कर रही है कि प्रदेश की भाजपा सरकार और उसके अधिकारी भ्रष्टाचार में आकंठ डूबे हुए हैं।