हर्षिता टाइम्स।
देहरादून, 06 जुलाई। पीआरडी के माध्यम से पूरे कोविड काल में अपनी सेवाएं एसडीआरएफ में सेवाएं दे रहे 62 जवानों को पिछले तीन महीनों से वेतन नहीं मिला युवा कल्याण,अधिकारियों व सचिवालय के धक्के खाने के बाद वेतन पाने में असमर्थ पीआरडी जवानों ने आज उत्तराखंड प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना का दरवाजा खटखटाया व उनसे अपनी पीड़ा बता कर मदद की गुहार लगाई। अपनी व्यथा सुनते हुए एक जवान तो सुबक सुबक कर रोने लगा। जवान ने कहा सर दस हज़ार रुपये वेतन और तीन महीने से एक पैसा नहीं मिला, घर से एसडीआरएफ जौली ग्रांट जाने और वापस आने में ही सौ डेढ़ सौ रुपये खर्च हो जाता है। शाम को घर लौट कर आते हैं तो कभी रसोई गैस का सिलेंडर खाली कभी राशन का डिब्बा और कभी तेल की बोतल खाली, उसने रुआँसा हो कर कहा कि सर घर पर बीवी बच्चों को शक्ल दिखाना मुश्किल हो जाता है और यह कह कर वो रो पड़ा। श्री धस्माना ने उनके सामने ही जिलाधिकारी देहरादून राजेश कुमार, एसडीआरएफ कमांडेंट मणि कांत मिश्रा व अपर सचिव अभिनव कुमार से वार्ता की। जिलाधिकारी ने श्री धस्माना को बताया कि उनकी ओर से सभी पीआरडी जवानों का वेतन भुगतान हो चुका है लेकिन अगर ऐसे कुछ लोग हैं जिनका भुगतान नहीं हुआ तो उनको बताएं तो वे अवश्य कार्यवाही करेंगे। श्री धस्माना ने फिर एसडीआरएफ के कमांडेंट श्री मणि कांत मिश्र से बात की तो उन्होंने बताया कि जिन 62 जवानों का भुगतान नहीं हुआ उनकी सेवा वृद्धि का प्रस्ताव शासन स्तर पर स्वीकृति के लिए लंबित है इस पर फिर श्री धस्माना ने अपर सचिव युवा कल्याण श्री अभिनव कुमार से बात की तो उन्होंने कहा कि वे ततकल इसका परीक्षण कर कार्यवाही करेंगे व इन जवानों का वेतन जारी हो सुनिश्चित करेंगे । श्री धस्माना ने एसडीआरएफ कार्यालय से शासन को भेजा पत्र मंगवा कर अपर सचिव श्री अभिनव कुमार को भेज कर तत्काल कार्यवाही की मांग की।
श्री धस्माना ने पीआरडी जवानों को आश्वस्त किया कि अगर एक सप्ताह के भीतर उनका भुगतान नहीं हुआ तो वे इस मुद्दे को लेकर राज्य सचिवालय पर धरना देंगे।