ऋषिकेश। कोरोना संक्रमण की रफ्तार कमजोर होने से अब म्यूकर माइकोसिस से ग्रसित मरीजों की संख्या भी घटने लगी है। एम्स ऋषिकेश में सोमवार को म्यूकर का एक भी नया पेशेंट नहीं आया है। वर्तमान में यहां म्यूकर माइकोसिस के कुल 193 मरीजों का उपचार चल रहा है।
40 से 60 वर्ष के उम्र के बीच के कोविड पाॅजिटिव शुगर रोगियों के लिए जानलेवा साबित हुई म्यूकर माइकोसिस की बीमारी अब धीरे-धीरे कम होने लगी है। एम्स ऋषिकेश में पिछले सप्ताह से म्यूकर के नए मरीज लगातार कम हो रहे हैं। अति घातक म्यूकर माइकोसिस संक्रमण की वजह से यहां सर्वाधिक मरीज मई के दूसरे सप्ताह के बाद से आने शुरू हुए थे। म्यूकर के पीक टाइम में एक समय ऐसा भी रहा, जब यहां एक ही दिन में 15 से 20 म्यूकर रोगियों को भर्ती करना पड़ा था। जबकि इस माह जून के पहले सप्ताह में भी एम्स के म्यूकर वार्ड में हररोज 10 से 18 मरीज भर्ती किए जाते रहे। म्यूकर मरीजों की यह संख्या जून के अंतिम सप्ताह में प्रतिदिन 2 से 5 तक सिमट गई है। कोविड संक्रमण की दर घटने का नतीजा यह रहा कि बीते सोमवार 28 जून को एम्स के म्यूकर वार्ड में एक भी नया पेशेंट भर्ती नहीं हुआ।
गौरतलब है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, एम्स ऋषिकेश में म्यूकर माइकोसिस का पहला मरीज 30 अप्रैल-2021 को आया था। संस्थान के डीन हॉस्पिटल अफेयर्स प्रोफेसर यूबी मिश्रा जी ने इस बाबत बताया कि कोविड और म्यूकर मरीजों की संख्या पिछले 2 सप्ताह से लगातार घट रही है। उन्होंने बताया कि कोविड मरीज कम होने के कारण अब सामान्य बीमारी वाले रोगियों के उपचार पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है। डीएचए के अनुसार स्थिति में और सुधार होने पर सुविधाओं को और बढ़ाया जाएगा।
म्यूकर माइकोसिस ट्रीटमेंट टीम के हेड और ईएनटी सर्जन डा. अमित त्यागी जी ने बताया कि एम्स में बीती 30 अप्रैल से अब तक म्यूकर माइकोसिस के कुल 326 मरीज आ चुके हैं। इनमें से 193 मरीज अभी अस्पताल में उपचाराधीन हैं। उन्होंने बताया कि सोमवार को म्यूकर का एक भी नया रोगी नहीं आया है। म्यूकर के रोगियों की संख्या धीरे-धीरे घट रही है, जबकि अस्पताल में भर्ती अधिकांश मरीजों की सर्जरी की जा चुकी है।