Central Silk Board
देहरादून, 20 अक्टूबर। केन्द्रीय रेशम बोर्ड (Central Silk Board), वस्त्र मंत्रालय, भारत सरकार के नव नियुक्त सदस्य सचिव पी0 शिव कुमार (आई0एफ0एस0) द्वारा अपने दो दिवसीय भ्रमण कार्यक्रम में केन्द्रीय रेशम बोर्ड के राजधानी देहरादून में स्थित संस्थानों के साथ-साथ रेशम निदेशालय उत्तराखण्ड एवं उत्तराखण्ड को-आपरेटिव रेशम फेडरेशन के प्रेमनगर- देहरादून मुख्यालय के साथ राजकीय रेशम फार्म झाजरा, ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई का भ्रमण किया गया।
सदस्य सचिव भारत सरकार द्वारा सर्वप्रथम सिल्क पार्क, स्थित रेशम फेडरेशन के मुख्यालय पर अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह, प्रबंध निदेशक, आनन्द शुक्ला, निदेशक रेशम, प्रदीप कुमार, केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारियों की उपस्थिति में फेडरेशन की वर्तमान की जा रही गतिविधियों की जानकारी प्राप्त की गई।
सदस्य सचिव भारत सरकार द्वारा फेडरेशन द्वारा वर्तमान में की जा रही गतिविधियों की प्रशंसा की गई एवं सुझाव दिया गया कि आगामी 1 माह के अन्दर सभी उत्पादों पर उनकी विषिष्टता एवं बुनकर/लाभार्थी के विववरण वाले क्यू आर कोड लगा लिये जायें, जिसके लिये केन्द्रीय रेषम बोर्ड, आपको हर संभव सहायता प्रदान करेगा।
केन्द्रीय रेषम बोर्ड (Central Silk Board) द्वारा सिल्क पार्क में प्रस्तावित ‘‘ रेशम घर‘‘ का भी भौतिक निरीक्षण किया गया। उसके बाद सदस्य सचिव, केरेबो, भारत सरकार द्वारा ग्रोथ सेन्टर सेलाकुई में रेषम धागाकरण इकाई, साड़ी उत्पादन इकाई एवं कोया बाजार आदि का भ्रमण किया गया जहां पर स्थापित अवस्थापना सुविधाओं के बारे में जानकारी प्राप्त की गई।
रेशम निदेषालय उत्तराखण्ड, प्रेमनगर-देहरादून के मुख्यालय मंे निदेशक रेशम प्रदीप कुमार द्वारा उनको औपचारिक स्वागत किया गया एवं रेशम निदेषालय की वर्तमान गतिविधियों, संचालित योजनाओं एवं प्रगति से सदस्य सचिव ,केन्द्रीय रेशम बोर्ड, भारत सरकार को अवगत कराया गया जिसमें विभागीय अधिकारियों के अतिरिक्त केन्द्रीय रेषम बोर्ड, नई दिल्ली, के अधिकारी, देहरादून में अवस्थित केन्द्रीय रेशम बोर्ड के अधिकारी भी सम्मिलित थेे।
सदस्य सचिव द्वारा निदेषक रेशम को सुझाव दिया गया कि राज्य में गुणवत्ता युक्त रेशम बीज उत्पादन हेतु स्पष्ट नीति होनी चाहिये जिसके लिये उन्हें सरकार के साथ मिलकर आगे बढ़ना चाहिये एवं राज्य में बसंत और मानसून फसलों के अतिरिक्त एक अन्य कामर्षियल रेषम फसल प्रारभ्म करनी चाहिये।
प्रदेष में चारों प्रकार के रेषम उत्पादन बढ़ाने हेतु ज्यादा से ज्यादा भौज्य पौघों का वृक्षारोपण का चरणवद्ध कार्य करना चाहिये जिससे आने वाले समय में राज्य में रेषम उत्पादन के लक्ष्य को प्राप्त किया जा सकेगा और उत्तराखण्ड राज्य हिमालयी राज्यों में रेषम उत्पादन में प्रतिस्पर्धा में उच्चतम स्थान पर होगा।
Central Silk Board, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की और से हर संभव सहायता :-
केन्द्रीय रेशम बोर्ड के सदस्य सचिव द्वारा निदेशक रेशम Central Silk Board, वस्त्र मंत्रालय भारत सरकार की और से हर संभव सहायता एवं सभी परियोजना के लिये समयवद्ध ढ़ंग से धनराशि का आवंटन एवं धनराषि उपलब्ध कराने का शत प्रतिशत प्रयास किया जायेगा जिससे किसी विकास एवं स्वरोजगार की योजना/परियोजना पर कोई प्रतिकूल प्रभाव न पड़े।
इस अवसर पर उक्त के अतिरिक्त रेशम विभाग के सहायत निदेशक विनोद तिवारी, प्रबंधक रेशम फेडरेषन मातबर कण्डारी के साथ केन्द्रीय रेशम बोर्ड के क्षेत्रीय संस्थान के प्रभारी वैज्ञानिक डा0 एस0एस0 चौहान, वैज्ञानिक-डी, सुरेन्द्र भट्ट, वैज्ञानिक-डी, सरदार सिंह, वैज्ञानिक डी सहित विभागीय अधिकारी /कर्मचारी उपस्थित थे।