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रेलवे भर्ती घोटाले में बढ़ी लालू यादव की मुश्किलें

railway recruitment scam
Written by Subodh Bhatt

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  • सीबीआई जांच के बीच कोर्ट ने राहत देने से किया इनकार

नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने राजद अध्यक्ष और पूर्व रेल मंत्री लालू प्रसाद यादव की उस याचिका को अस्वीकार कर दिया है, जिसमें उन्होंने ‘नौकरी के बदले जमीन’ घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में निचली अदालत की कार्यवाही पर रोक की मांग की थी। इस मामले की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो द्वारा की जा रही है।

यह घोटाला रेलवे की ग्रुप-डी भर्तियों से जुड़ा है, जो 2004 से 2009 के बीच हुए थे, जब लालू यादव रेल मंत्रालय संभाल रहे थे। आरोप है कि नौकरी दिलाने के एवज में उम्मीदवारों से लालू यादव के परिवार या उनके करीबी लोगों के नाम पर जमीनें ली गईं। सीबीआई ने इस सिलसिले में 18 मई 2022 को लालू, उनकी पत्नी, दो बेटियों और कुछ अज्ञात अधिकारियों व अन्य निजी व्यक्तियों के खिलाफ केस दर्ज किया था।

हालांकि दोनों ही घोटाले लालू यादव के रेल मंत्री रहते सामने आए, लेकिन ये एक-दूसरे से भिन्न हैं। आईआरसीटीसी घोटाले में आरोप है कि रेलवे के दो होटलों-रांची और पुरी स्थित बीएनआर होटल के संचालन के लिए टेंडर प्रक्रिया में गड़बड़ियां की गईं। यह टेंडर 2006 में सुजाता होटल्स को दिया गया था और बदले में कथित रूप से लालू परिवार को तीन एकड़ जमीन मिली थी। इस मामले में भी लालू यादव, राबड़ी देवी और तेजस्वी यादव समेत अन्य के खिलाफ केस चल रहा है।

नौकरी के बदले जमीन’ मामले से जुड़ी मनी लॉन्ड्रिंग जांच के तहत प्रवर्तन निदेशालय ने दिल्ली की अदालत को सूचित किया है कि लालू यादव पर अब इस आरोप में भी मुकदमा चलाने की अनुमति मिल चुकी है। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 8 मई को भारतीय दंड संहिता की धारा 197(1) के तहत अभियोजन की मंजूरी दी थी।

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