Fraud
उत्तराखण्ड एसटीएफ/साइबर क्राइम टीम ने कस्टम डिपार्टमेंट और मुंबई क्राइम ब्रांच के नाम पर करोड़ों की धोखाधड़ी करने वाले गिरोह के एक और सदस्य को गिरफ्तार किया है। अब तक इस मामले में गिरोह के चार सदस्य गिरफ्तार हो चुके हैं।
पुलिस महानिदेशक उत्तराखण्ड, अभिनव कुमार के दिशा-निर्देशन में साइबर धोखाधड़ी के खिलाफ कठोर कार्रवाई करते हुए पीड़ितों को न्याय दिलाने का कार्य किया जा रहा है। वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एसटीएफ, आयुष अग्रवाल ने जानकारी दी कि कुछ दिन पूर्व साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन उत्तराखण्ड देहरादून को एक शिकायत प्राप्त हुई थी। एक वरिष्ठ नागरिक ने सूचना दर्ज कराई कि अज्ञात साइबर अपराधियों ने उनके मोबाइल पर संपर्क कर खुद को कुरियर कंपनी और मुंबई कस्टम अधिकारी बताकर उन्हें धोखाधड़ी का शिकार बनाया।
आरोपियों ने वरिष्ठ नागरिक को मनीलांड्रिंग, ड्रग्स तस्करी, और पहचान छुपाने का संदिग्ध बताकर फर्जी नोटिस भेजा और उनसे 1,13,00,000 रुपये विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर करवाए। इस शिकायत के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून में मामला दर्ज किया गया।
वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने इस घटना के अनावरण हेतु एक टीम गठित की। गठित टीम ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मोबाइल नंबर और बैंक खातों की जानकारी जुटाई और तकनीकी विश्लेषण किया। पहले तीन अभियुक्तों को कोटा, राजस्थान से गिरफ्तार किया गया था। इसके बाद, टीम ने अथक प्रयास से एक अन्य अभियुक्त को बहराइच, उत्तर प्रदेश से गिरफ्तार किया। अभियुक्त के कब्जे से 01 मोबाइल फोन, 02 सिम कार्ड, 06 एटीएम कार्ड, 01 चेक बुक, पैन कार्ड, और आधार कार्ड बरामद किए गए।
अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि वे कुरियर कंपनी, कस्टम डिपार्टमेंट और मुंबई क्राइम ब्रांच के अधिकारी बनकर भोली-भाली जनता को मनीलांड्रिंग और ड्रग्स तस्करी का संदिग्ध बताकर धोखाधड़ी करते थे। वे फर्जी नोटिस भेजकर केस का निपटारा करने के नाम पर लोगों से धनराशि जमा कराते थे।
गिरफ्तार अभियुक्त अन्य राज्यों में दर्ज कई शिकायतों में भी वांछित हैं।
बरामदगी:
- 01 मोबाइल फोन
- 02 सिम कार्ड
- 06 एटीएम कार्ड
- 01 चेक बुक
- पैन कार्ड
- आधार कार्ड