Baba Tarsem’s killer killed in encounter
देर रात थाना भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत चेकिंग अभियान के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोकने पुलिस पर की थी फायरिंग
भगवानपुर क्षेत्रांतर्गत चेकिंग अभियान के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो संदिग्ध व्यक्तियों को रोकने, भगवानपुर से कलियर की तरफ भागने, पुलिस द्वारा पीछा करने पर पुलिस टीम की बदमाशों से हुई मुठभेड़ में एक बदमाश को गोली लगी जिसको सिविल अस्पताल रुड़की ले जाया गया जहां डॉक्टरों द्वारा उक्त बदमाश को मृत घोषित कर दिया गया जबकि मौके से भागे दूसरे बदमाश की तलाश जारी है। एसएसपी प्रमेन्द्र सिंह डोबाल द्वारा अन्य पुलिस अधिकारियों के साथ अस्पताल जाकर मामले की जानकारी ली गई।
कप्तान परमेन्द्र ने कहा कि पुलिस को शार्प शूटर अमरजीत और एक अन्य के बारे में जानकारी मिली थी कि वह पंजाब से रुद्रपुर जा रहा है। उनको भगवानपुर में DySP ऋषि वल्लभ चमोला की STF टीम और पुलिस ने घेर लिया। यहाँ गोलीबारी में आधी रात को अमरजीत को गोलियों से बेध दिया गया। उसको घायल होने पर रूड़की अस्पताल ले जाया गया था. वहां जांच के बाद वह मृत घोषित किया गया। उसके साथ बाइक चला रहा शख्स अँधेरे का फायदा उठा के भागने में सफल रहा।अमरजीत के पास एक Pistol मिली है। बिट्टू पर 16 से ज्यादा जुर्म दर्ज थे।
एसएसपी हरिद्वार परमेन्द्र डोबाल की टीम और एसटीएफ ने जॉइंट आपरेशन में बाबा तरसेम के एक हत्यारे अमरजीत उर्फ बिट्टू उर्फ गंडा पुत्र सरदार सुरेंद्र सिंह को मुठभेड़ में मार गिराया है, लगी हैं 6 गोलियां।
डीजीपी अभिनव कुमार के कमान संभालने के बाद से उत्तराखंड पुलिस में दिख रहा है जबरदस्त आत्मविश्वास में दिख रही उत्तराखंड पुलिस अब फ्रंट फुट पर खेलती दिख रही है और बदमाशों पर काल बनकर टूट रही है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी बाबा तरसेम हत्याकांड को लेकर थे बहुत गंभीर, डीजीपी अभिनव कुमार भी बिना देरी किये स्वयं पहुंच गए थे ग्राउंड जीरो पर, घटना के बाद ही तुरंत बनाई थी स्पेशल टीम, डीजीपी अभिनव कुमार ने किया था संगत से वादा कि उत्तराखंड पुलिस को ललकारने वाले ज्यादा दिन तक बच नहीं पाएंगे।
डीजीपी अभिनव कुमार के विश्वास पर खरी उतरी हरिद्वार पुलिस और एसटीएफ
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी का स्पष्ट है संदेश की अपराधियों के लिए उत्तराखंड को नहीं बनने दिया जाएगा सॉफ्ट टारगेट, सीएम धामी ने अपराध और अपराधियों को कुचलने के लिए उत्तराखंड पुलिस को दिया है फ्री हैंड।
तेजतर्रार और अपनी टीम के साथ चट्टान की तरह खड़े रहने वाले डीजीपी अभिनव कुमार के कमान संभालने के बाद से ही उत्तराखंड पुलिस में भी दिख रहा है गज़ब का जोश और आत्मविश्वास, डीजीपी् अभिनव कुमार के नेतृत्व में स्पष्ट है कि पुलिस आमजन की मित्र है लेकिन अपराधियों के लिए ‘काल’ है। अपराध और अपराधियों पर कड़े प्रहार के लिए ही जाने जाते हैं डीजीपी अभिनव कुमार