Vasant Panchami
आज 14 फरवरी 2024 को पूरे देशभर में वसंत पंचमी (Vasant Panchami) का त्योहार मनाया जा रहा है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार वसंत पंचमी के दिन बुद्धि, ज्ञान और कला की देवी मां सरस्वती का प्रगट हुईं थी। वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विशेष रूप से पूजा-आराधना की जाती है और विशेष रूप से पीले रंग के पुष्प, पीले वस्त्र और पीले भोग अर्पित किए जाते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं वसंत पंचमी पर पीले रंग का क्या महत्व होता है।
दरअसल पीला रंग अहिंसा, प्रेम, आनंद और ज्ञान का प्रतीक है। श्रीविष्णु और उनके अवतारों को पीताम्बर धारण करवाने का यह प्रमुख कारण है। यह रंग सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज को तो निखरता ही है, साथ ही पीले वस्त्र धारण करने से देव गुरु वृहस्पति भी प्रसन्न होकर अपनी कृपा बरसाते हैं। पीला रंग व्यक्ति के स्नायु तंत्र को संतुलित व मस्तिष्क को सक्रिय रखता है। पीला रंग शुद्ध और सात्विक प्रवृत्ति का प्रतीक माना गया है। इस दिन पीले रंग के प्रयोग से सौंदर्य और आध्यात्मिक तेज में वृद्धि होती है।
बसंत पंचमी (Vasant Panchami) या श्री पंचमी हिन्दू त्यौहार है। इस दिन विद्या की देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। यह पूजा पूर्वी भारत, पश्चिमोत्तर बांग्लादेश, नेपाल और कई राष्ट्रों में बड़े उल्लास से मनायी जाती है। इस दिन पीले वस्त्र धारण करते हैं। शास्त्रों में बसंत पंचमी को ऋषि पंचमी से उल्लेखित किया गया है, तो पुराणों-शास्त्रों तथा अनेक काव्यग्रंथों में भी अलग-अलग ढंग से इसका चित्रण मिलता है।
वसंत पंचमी माघ मेले का चौथा स्नान पर्व है। इसमें माना जाता है कि स्थानीय लोगों की संख्या अधिक होती है। प्रयागराज के अलावा प्रतापगढ़ अमेठी सुल्तानपुर भदोही संत रविदास नगर वाराणसी और कौशाम्बी के भी लोग स्नान करने पहुंचे। ब्रह्म मुहूर्त में हर हर गंगे के जयघोष के साथ श्रद्धालुओं ने स्नान किया।
Vasant Panchami के दिन जरूर करें यह उपाय :-
वसंत पंचमी के दिन मां सरस्वती की विधि विधान से पूजा करने के दौरान उनको पीले पुष्प, पीले रंग की मिठाई या खीर जरूर अर्पित करना चाहिए।
वसंत पंचमी के पर्व के अवसर पर देवी सरस्वती को केसर या पीले चंदन का टीका लगाएं और पीले वस्त्र भेंट करें।
मां सरस्वती के मूल मंत्र ‘ॐ ऎं सरस्वत्यै ऐं नमः’ का जाप करना चाहिए।