उत्तराखंड स्वास्थ्य

लिंगानुपात में असमानता को दूर करने में चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण: वरुणा अग्रवाल

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Written by Subodh Bhatt

देहरादून। मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय स्थित पीसीपीएनडीटी प्रकोष्ठ द्वारा इंडियन मेडिकल एसोसिएशन सभागार में एक दिवसीय जिला स्तरीय संवेदीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया। जनपद देहरादून में लिंगानुपात असमानता को दूर करना और पीसीपीएनडीटी अधिनियम की पूर्ण जानकारी चिकित्सकों को उपलब्ध कराना इस कार्यशाला का मुख्य उद्देश्य रहा। कार्यशाला में जनपद देहरादून में कार्यरत सरकारी और गैर सरकारी चिकित्सकों (स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ व रेडियोलॉजिस्ट) द्वारा प्रतिभाग किया।

कार्यक्रम का शुभारंभ ज्वाइंट मजिस्ट्रेट वरुणा अग्रवाल व अन्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन हेतु चिकित्सकों का योगदान महत्वपूर्ण हैं। साथ ही उन्होंने बेटी बचाओ अभियान से लिंगानुपात में असामनता को पूर्णतः समाप्त करने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि लिंग जांच जैसी गलत प्रवृति को रोकना और पीसीपीएनडीटी एक्ट का पालन करना हम सबका नैतिक और मानवीय दायित्व है।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ० संजय जैन ने इस अवसर पर कहा कि पीसीपीएनडीटी एक्ट के क्रियान्वयन के लिए जन भागीदारी और जागरूकता अभियान चलाए जा रहे हैं। चिकित्सक इस अधिनियम के क्रियान्वयन में अहम कड़ी हैं। इसीलिए इस कार्यशाला में स्त्री रोग विशेषज्ञ, बाल रोग विशेषज्ञ और रेडियोलॉजिस्ट को आमंत्रित किया गया है।

इस अवसर पर जिला नोडल अधिकारी पीसीपीएनडीटी डॉ दिनेश चौहान ने संबोधित करते हुए सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया और कार्यशाला के उद्देश्य पर विस्तार से चर्चा की।

जिला टी बी नियंत्रण अधिकारी dr मनोज वर्मा ने नि:क्षय मित्र योजना की जानकारी दी और चिकित्सकों को निक्षय मित्र बनने की अपील की।

कार्यक्रम में संयुक्त निदेशक law जी सी पंचोली, डी एल एस ए सचिव हर्ष यादव, आईएमए अध्यक्ष डा संजय उप्रेती, आईएपी अध्यक्ष डा सुमित वोहरा, ओ बी जी वाई अध्यक्ष डा मनीषा सिंह, आई आर ए आई ए सचिव डा मलय जोशी, आईएमए सचिव डा अंकित पराशर, जिला समन्वयक पीसीपीएनडीटी ममता बहुगुणा, जिला लेखा प्रबंधक बिमल मौर्य, आईईसी समन्वयक पूजन नेगी, दीपा नारंग आदि उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन डा राधिका रतूड़ी ने किया।

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