ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में मनाए जा रहे स्वच्छता पखवाड़े के तहत विभिन्न स्थानों पर स्वच्छता के प्रति जनजागरुकता कार्यक्रमों का आयोजन किया गया। इस दौरान नुक्कड़ नाटक और पोस्टर प्रतियोगिताओं के माध्यम से मरीजों और उनके तीमारदारों को साफ-सफाई के प्रति विशेषरूप से जागरुक रहने को कहा गया, इस दौरान उन्हें स्वच्छता की ओर ध्यान दिए जाने से होने वाले लाभ भी बताए गए।
स्वच्छता पखवाडे़ के तहत एम्स ऋषिकेश में बीती 1 अप्रैल से दैनिक तौर पर जन-जागरुकता से जुड़े विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। एम्स निदेशक प्रोफेसर अरविन्द राजवंशी जी के मार्गदर्शन में आयोजित कार्यक्रमों के दौरान अस्पताल में आने वाले मरीजों, उनके तीमारदारों व अन्य नागरिकों को बताया गया कि स्वस्थ जीवन का आधार ही स्वच्छता है।
नर्सिंग विभाग की ओर से ओपीडी और इमरजेंसी एरिया में मरीजों और उनके तीमारदारों को कोविड-19 से बचाव में स्वच्छता की अहमियत बताई गई। इस दौरान टीम ने नुक्कड़ नाटक के माध्यम से लोगों को साफ-सफाई से होने वाले लाभ के बारे में जागरुक किया। उन्होंने नाट्य प्रस्तुति के माध्यम से संदेश दिया कि गंदगी से विभिन्न तरह की बीमारियों का जन्म होता है। लिहाजा हम अपने और अपने आस-पास स्वच्छता का जितना ध्यान रखेंगे उतना ही हम और हमारा समाज स्वस्थ रहेगा। टीम ने मरीजों को यह भी समझाया कि कोविड से बचाव के लिए हमें बार-बार हाथ धोने और अपने हाथों और मुंह को हमेशा स्वच्छ रखना बेहद जरूरी है।
स्वच्छता पखवाड़े के तहत अस्पताल प्रशासन टीम, इन्फेक्शन कंट्रोल टीम और नर्सिंग स्टाफ की टीम ने विभिन्न दिवसों में अस्पताल के अलग-अलग हिस्सों में कार्यक्रमों का आयोजन किया।
आयोजित कार्यक्रमों में डीन एकेडमिक प्रोफेसर मनोज गुप्ता, मेडिकल सुपरिटेंडेंट प्रो. अश्वनी कुमार दलाल, अस्पताल प्रशासन के प्रो. यूबी मिश्रा, सीएफएम विभागाध्यक्ष प्रोफेसर वर्तिका सक्सैना, माईक्रोबॉयोलॉजी विभाग के डॉ. अम्बर प्रसाद, डीएमएस डॉ. अनुभा अग्रवाल, डॉ. पूजा भदौरिया, नर्सिंग फैकल्टी मनीष शर्मा, प्रियंका पटियाल, आरती देशवान, सुशीला पानू, प्रतिमा सोनी आदि मौजूद थे।