मन – क्यारी केसर अंगड़ाई
(चौपाई छन्द )
हिन्द देश की शान निराली।
हर मन में है ईद, दिवाली।।
दिवस ऐतिहासिक लो आया ।
रोम – रोम देखो हर्षाया ।।
मन -क्यारी केसर अंगड़ाई।
छब्बीस जनवरी मुस्काई।।
संविधान अपना मनभावन।
गंगा सा उजला है पावन।।
पर्व राष्ट्र का बड़ा निराला।
मना रहा हर उर मतवाला।।
सजा राजपथ शोभा न्यारी।
विजय चौक से सुभग सवारी।।
बड़ी शान से हँसा तिरंगा।
गूँज उठे हिम सागर गंगा।।
भारत माँ का हर सेनानी।
अजब बड़ा कब कोई सानी।।
सैनिक दल लगता मनभावन।
करें राष्ट्रपति का अभिवादन।।
झाँकी प्यारी सुन्दर – सुन्दर।
सभी एक है भाव मनोहर।।
हृदय धरें हम सुखद पलों को।
करें नमन हम सैन्य बलों को ।।
गीत शहीदों के सब गाते।
उनसे अपने मन के नाते।।
देश प्रेम हर मन में नाचे ।
कथा शहीदों की हम बाँचे।।
श्वेत, हरा, केसरिया छाये ।
जग में झंडा धूम मचाये।।
ज्योत्स्ना शर्मा प्रदीप (देहरादून )