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प्राकृतिक विधियों और आयुर्वेदा अपना कर बढ़ायें रोग प्रतिरोधक क्षमता: आचार्य मनीष

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देहरादून: तेजी से फैल रहे ओमिक्रोन कोरोना वायरस लोगों के बीच अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर दिया हैं। लोग इस खतरनाक वायरस के खिलाफ निवारक कदम उठाने के बारे में अधिक जागरूक हो गए हैं। आयुर्वेद एवं मैडिटेशन गुरु तथा शुद्धि आयुर्वेद के संस्थापक, आचार्य मनीष ने बताया आयुर्वेद और प्राकृतिक चिकित्सा ही इस समस्या का समाधान है। उन्होंने कोरोना वायरस और इसके नये प्रतिरूप ओमिक्रॉन से बचने के लिए जन-जागरूकता अभियान के तहत, कुछ सरल उपाय पेश किये हैं जिन्हें अपना कर कोई भी अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि कर सकता है, ताकि वायरस का शरीर पर असर ही न हो।
आचार्य मनीष ने कहा कि फ्लू व संक्रमण के लक्षण दिखते ही तीन-चार दिन फलाहार करें। ऐसे में नारियल पानी, सलाद और फ्रूट जूस का सेवन लाभदायक होता है। संतरा व खट्टे फल खाने से विटामिन सी मिलता है, जिससे इम्यून सिस्टम मजबूत होता है। आंवले का सेवन भी उपयोगी होता है, जिसे अचार, मुरब्बा, चूर्ण आदि के रूप में भी लिया जा सकता है। शरीर में विटामिन डी का प्राकृतिक तरीके से निर्माण हो इसके लिए हर दिन कम से कम एक घंटा धूप में बैंठें। इन दिनों गरम पानी को चाय की तरह सिप करके पियें। नाक में सरसों का तेल लगायें। सब्जी पकाते समय उसमें आधा चम्मच सोंठ पाउडर डालें। दूध और इससे बने उत्पादों का सेवन बंद कर दें। दिन में दो बार काढ़ा अवश्य पियें, जिसे तुलसी, काली मिर्च, दालचीनी, सोंठ, मुनक्का, लौंग व गुड़ डालकर पकाया जा सकता है। चाहें तो इसमें नीबू का रस भी लें।
आचार्य मनीष ने शुद्धि वेलनेस क्लीनिक एवं अस्पताल और हिम्स (अस्पताल एवं इंस्टीट्यूट एकीकृत चिकित्सा विज्ञान संस्थान, डेराबस्सी) की स्थापना की है, जहां प्राचीन भारतीय पद्धति आयुर्वेदा और प्राकृतिक चिकित्सासे इलाज किया जाता है। शुद्धि वेलनेस की ओर से उत्तरी क्षेत्र में कई हिम्स नेचर क्योर क्लीनिक स्थापित किये गये हैं और संस्था की योजना पूरे भारत में इनका विस्तार करने की है। ये दवा मुक्त क्लीनिक होंगे और रोगियों का इलाज प्राकृतिक चिकित्सा, पंचकर्म तथा मोटे अनाज आधारित आहार के माध्यम से किया जाएगा। देश भर में शुद्धि आयुर्वेद के 150 से अधिक केंद्र संचालित हैं।

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