उत्तराखंड

बदले की भावना से अध्यक्ष पद से किया निष्कासित : दीपक

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Written by Subodh Bhatt

देहरादून । प्रेस क्लब में आयोजित प्रेसवार्ता में उत्तरकाशी जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण ने बताया कि सरकार के आदेश को पूरी तरह से कानून के खिलाफ और कहा कि सरकार ने राजनीतिक बदले की भावना से यह कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि उनके खिलाफ जो जांच की गई वह भी भाजपा सरकार के पहले मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत के कार्यकाल में शुरू हुई और क्लीनचिट भी भाजपा सरकार ने ही दी। उन्होंने कहा कि वो इस पूरे मामले को लेकर न्यायालय की शरण में जा रहे हैं। उन्हें पूरा भरोसा है कि न्यायालय से उनको पूरी राहत मिलेगी।

दीपक ने कहा कि पहले डीएम से जांच कराई गई थी और उसके बाद उच्च स्तरीय जांच गढ़वाल कमिश्नर से कराई गई। गढ़वाल कमिश्नर ने उनको अपनी जांच में क्लीनचिट दी। उसमें साफ तौर पर कहा गया कि गड़बड़ी में जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण की कोई भूमिका नहीं है। इसी पूरे प्रकरण में कोर्ट में सुनवाई के दौरान भी शासन की ओर से यह कहा गया कि जिला पंचायत अध्यक्ष दीपक बिजल्वाण निर्दाेष हैं। इसके बाद एक और याचिका जांच के लिए दायर की गई थी। कोर्ट से जब सरकार से इस मामले में जवाब मांगा गया, तो बाकायदा मुख्य सचिव उत्तराखंड ने शपथपत्र में स्वीकार किया है कि जिला पंचायत उत्तरकाशी में किसी प्रकार के वित्तिय अनियमितायें अध्यक्ष द्वारा नहीं पाई गई।
दीपक के कांग्रेस में शामिल होने के बाद अचानक उनको पद से हटाने का आदेश जारी कर दिया जाता है। कांग्रेस ने सरकार पर राजनीतिक भावना से कार्रवाई करने का आरोप लगाया है। कांग्रेस का कहना है किस तरह से सरकार आचार संहिता से ठीक पहले जो कार्रवाई की है। वह कानून तो गलत है ही। साथ ही यह भी साबित करती है कि सरकार बदले की भावना से कार्रवाई की है। उन्होंने कहा कि जनता तय कर चुकी है कि भाजपा को 2022 के चुनाव में सत्ता से खदेड़ना है।

 

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