ऋषिकेश : एम्स ऋषिकेश में ओपीडी सेवाओं ने फिर से तेजी पकड़ ली है। कोविड कर्फ्यू खुलने के बाद यहां ओपीडी मरीजों की संख्या में लगभग तीन गुना तक वृद्धि हो चुकी है। जुलाई के पहले सप्ताह में अब तक 10, 212 मरीज उपचार के लिए एम्स ओपीडी में पहुंच चुके हैं। इनमें सबसे अधिक संख्या सामान्य रोगों से ग्रसित लोगों की है,जिससे जनरल मेडिसिन और कम्युनिटी एवं फेमिली मेडिसिन विभाग में परीक्षण के लिए पहुंचने वाले मरीजों की संख्या सर्वाधिक है।
कोविड19 संक्रमण से हालात में धीरे-धीरे परिवर्तन के साथ-साथ जैसे-जैसे अनलॉक प्रक्रिया समय की छूट बढ़ती जा रही है, अस्पतालों की ओपीडी में भी मरीजों की संख्या में बढ़ोत्तरी दर्ज की जाने लगी है। कोविड कर्फ्यू के दौरान मई माह के पहले सप्ताह में एम्स ऋषिकेश की ओपीडी में मात्र 3409 मरीज विभिन्न ओपीडी में पहुंचे थे। जबकि जून के पहले सप्ताह में ओपीडी मरीजों की संख्या 3709 दर्ज की गई। अनलॉक के बाद एम्स पहुंचने वाले ओपीडी मरीजों के साप्ताहिक आंकड़ों में तेजी से वृद्धि हुई है। जुलाई के पहले सप्ताह में यहां 10, 212 मरीजों ने अपना स्वास्थ्य परीक्षण कराया। यदि कोविड कर्फ्यू से पहले के साप्ताहिक आंकड़ों पर गौर करें तो अप्रैल के पहले सप्ताह में 9, 793, मार्च के पहले सप्ताह में 12, 408 और फरवरी 2021 के पहले सप्ताह में मात्र 8, 990 मरीज एम्स की ओपीडी पहुंचे थे।
एम्स निदेशक प्रोफेसर रवि कांत ने बताया कि उपचार के अभाव में मरीज परेशान न हों, इस विषय पर गंभीरता बरती जा रही है। उन्होंने कहा कि हम सबको कोरोनाकाल की इन्हीं परिस्थितियों में जीवन जीना है। ऐसे में कोरोना संक्रमण से बचाव के मूलमंत्र ’दो गज की दूरी’ और मॉस्क के अनिवार्य इस्तेमाल की शर्तों के साथ एम्स की विभिन्न ओपीडी सेवाओं को फिर से खोल दिया गया है।