देहरादून: उत्तराखंड की चार धाम यात्रा पर उच्च न्यायालय नैनीताल द्वारा लगाए गए प्रतिबंध पर कांग्रेस पार्टी ने राज्य की भाजपा सरकार को इसके लिए जिम्मेदार ठहराते हुए आरोप लगाया कि बीजेपी सरकार चाहती नहीं थी कि इस बार चार धाम यात्रा चले। प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष सूर्यकांत धस्माना ने पत्रकारों से वार्ता करते हूए उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि राज्य सरकार उच्च न्यायालय की चिंताओं के निराकरण नहीं कर पाई जो दुर्भाग्यपूर्ण है। उन्होंने कहा कि हाई कोर्ट लगातार सरकार से चार धाम यात्रा की तैयारियों के बारे में जवाब मांग रहा था, आरटीपीसीआर,एन्टीजन टैस्ट,ऑक्सीजन आईसीयू की व्यवस्था व यात्रियों की संख्या का नियंत्रण ये माननीय उच्च न्यायालय की मुख्य चिंताएं थी और इन विषयों पर माननीय न्यायालय राज्य सरकार को यहां तक फटकार लगा चुका था कि कुम्भ जैसे हालात नहीं होने दिए जाएंगे किन्तु राज्य सरकार इसके बावजूद चार धाम यात्रा की पुख्ता इंतजाम के बारे में कोर्ट को संतुष्ट नहीं कर पाई जिसके कारण आज का निर्णय आया। श्री धस्माना ने कहा कि वास्तविकता यह है कि एक तो राज्य सरकार की पूरी तैयारियां नहीं हैं दूसरा चारों धामों में पंडा पुरोहित इस समय सरकार के खिलाफ आंदोलन चलाये हैं देवस्थानम बोर्ड के मुद्दे पर इसलिए सरकार खुद ही चाहती थी कि यात्रा न हो किन्तु इसका दोष व अपने सर न लेकर हाई कोर्ट का बहाना चाहती थी जो उसको मिल गया।
श्री धस्माना ने कहा कि चार धाम यात्रा उत्तराखंड के पांच लाख परिवारों के रोटी रोजी का जरिया है और पिछले दो वर्षों से कोरोना की वजह से यात्रा जिस तरह प्रभावित हुई है उससे लाखों लोगों की रोटी रोजी खत्म हो गयी। श्री धस्माना ने कहा कि इतनी बड़ी मुसीबत में भाजपा सरकार का गैर जिम्मेदाराना रवैय्या लाखों लोगों पर भारी पड़ रहा है।