उत्तराखंड में पिछले एक सप्ताह से अधिक दिनों से लगातार बारिश हो रही है। पर्वतीय क्षेत्र में बारिश आफत बनकर बरस रही है। ऊंचाई वाले इलाकों में बर्फबारी हो रही है, साथ ही ओलावृष्टि से फसल बर्बाद हो रही है। बुधवार को नैनीताल जिले में विश्वप्रसिद्ध कैंची धाम में बारिश के दौरान बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। मंदिर परिसर मलबे और बोल्डर से अट गया। दो पुजारी बाल-बाल बचे। लोगों ने भागकर जान बचाई। वहीं, मलबा आने से अल्मोड़ा हाईवे अवरुद्ध हो गया है। गत दिवस भी गढ़वाल मंडल में देवप्रयाग में बादल फटने से भारी तबाही मची थी। मौसम विभाग के मुताबिक बारिश का सिलसिला 15 मई तक जारी रहेगा। कल 13 मई को कुमाऊं के पर्वतीय क्षेत्र में भारी बारिश की संभावना है।
कैंची धाम में हुआ नुकसान
नैनीताल जिले में बाबा नीम करौली महाराज के प्रसिद्ध कैंची धाम में बुधवार शाम को करीब एक घंटे तक जोरदार बारिश व ओलावृष्टि से भारी नुकसान हुआ है। मलबे से हाइवे बंद है। स्थानीय लोगों के अनुसार बादल फटने से बड़ी मात्रा में मलबा आने से मुख्य मंदिर के पीछे भक्तों को भोजन कराने वाले स्थान पर मलबा भर गया है, जबकि समीप ही सांई मंदिर को भारी नुकसान हुआ है। एसडीएम विनोद कुमार ने मौके से बताया कि अल्मोड़ा हाइवे में मलबे के ढेर लगे हैं। जिन्हें हटाया जा रहा है।
नैनीताल जिले के कैंची धाम में बारिश के दौरान बादल फटा, हाइवे में लगे मलबे के ढेर
बुधवार को नैनीताल जिले में विश्वप्रसिद्ध कैंची धाम में बारिश के दौरान बादल फटने से भारी नुकसान हुआ। मंदिर परिसर मलबे और बोल्डर से अट गया।