स्वास्थ्य

सरकार चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्सों चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की नियुक्ति तो कर रही है लेकिन फार्मासिस्टों की नियुक्ति नही, चिकित्सालयों में तैनात फार्मासिस्टों पर अतिरिक्त दबाव : जनपद सचिव राणा

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देहरादून। जनपद देहरादून में दो बड़े चिकित्सालयों राजकीय दून मेडिकल कालेज चिकित्सालय और पंडित दीनदयाल उपाध्याय जिला चिकित्सालय के कोविड हॉस्पिटल बनने से पूरा दबाव प्रेमनगर और रायपुर, विकासनगर चिकित्सालयों पर पड़ रहा है। सरकार चिकित्सा अधिकारियों ,स्टाफ नर्सों चतुर्थ श्रेणी कार्मिकों की नियुक्ति इन चिकत्सालयों में तो कर रही है लेकिन फार्मासिस्टों की नियुक्ति नही की जा रही। जबकि कोरोना महामारी मे चिकित्सा एवं व्यवस्थागत कार्यों का बहुत अधिक बोझ र्फार्मासिस्टों पर पड़ रहा है, क्योंकि किसी भी चिकित्सालय में औषधीय भंडारण, वितरण,आकस्मिक सेवाएं,वी.आई.पी. ड्यूटी, पोस्टमार्टम ड्यूटी,उपकरणों एवं विभिन्न डेडस्टाँक की व्यवस्था तथा आँक्सीजन सिलेंडर, आँक्सीजन कंसन्ट्रेटर और संबंधित सामानों की व्यवस्था फार्मासिस्ट की जिम्मेदारी होती है।जिला सचिव सी.एम.राणा ने बताया कि संयुक्त चिकित्सालय प्रेमनगर में 3 फार्मासिस्ट कोविड possitve होने के कारण सिर्फ एक फार्मासिस्ट लगातार इमेरजेंसी ड्यूटी के साथ साथ दवाई वितरण , इंजेक्शन लगाना और स्टोर का कार्य भी कर रहा है। यही हॉल विकासनगर ओर रायपुर चिकित्सालयों का भी है इसी प्रकार डिस्पेंसरी ऒर प्राथमिक चिकित्सालयो को अपने दैनिक चिकित्सालय के कार्यों ,इमरजेंसी के साथ.साथ कोविड टीकाकरण में भी ड्यूटी लगी है जिसका चिकित्सालयों में तैनात फार्मासिस्टों पर अतिरिक्त दबाव पड़ रहा है जिससे कार्य की अधिकता के कारण फार्मासिस्ट मानसिक तनाव में है । आज जनपद देहरादून में बहुत ज्यादा फार्मसिस्ट कोरोना पोजिटिव हैं। एक साल से चीफ फार्मासिस्टों की प्रमोशन लिस्ट शासन में दबी पड़ी है ।जिससे जिला चिकित्सालयों के साथ बड़े चिकित्सालयों में चीफ के पद रिक्त होने के कारण व्यवस्था चरमरा गई है। देहरादून के जिला चिकित्सालय(कोरोनेशन) में चीफ के 5 पदों के सापेक्ष में मात्र 1 चीफ है 4 पद रिक्त चल रहे है जबकि जिला चिकित्सालय कोरोनेशन को कोविड चिकित्सालय बना दिया गया है सिर्फ 1 चीफ फार्मासिस्ट कोरोनेशन के साथ-साथ महात्मा गांधी शताब्दी चिकित्सालय के कार्य को भी देख रहा है । दोनों चिकित्सालयों 7 पद चीफ के हैं 1 चीफ कार्य कर रहा है। cmsd में चीफ का पद खाली चल रहा है जहाँ से पूरे जनपद की मेडिसिन ऒर आवश्यक सामग्री की आपूर्ति की जाती है लेकिन सिर्फ एक चीफ फार्मासिस्ट कार्य कर रहा है स्वास्थ्य विभाग के रीढ़ कहे जाने वाले फार्मासिस्टों के साथ सरकार सौतेला व्यवहार कर रही है।प्रमोशन कीपत्रावली लंबे समय से शासन में दबी है।स्वास्थ्य विभाग और शासन शायद फार्मासिस्ट की आवश्यकता को विभाग के लिये आवश्यक नहीं समझ रही है और फार्मासिस्ट संवर्ग की नई नियुक्तियों और प्रमोशन में सौतेला व्यवहार किया जा रहा है जो कि समाज हित और भविष्य में आनेवाले फार्मासिस्टों के रोजगार के लिये बिल्कुल न्यायोचित नहीं है। इसलिए शासन प्रशासन को चिकत्सालयों में सभी संवर्ग के साथ साथ फार्मासिस्ट संवर्ग को भी नयी नियुक्तियों और प्रमोशन में मौके देने चाहिए। डिप्लोमा फार्मासिस्ट ऐसोसिएशन,जनपद शाखा देहरादून के जनपद सचि सी.एम. राणा ने मुख्य चिकित्साधिकारी  तथा उच्चाधिकारियों को उक्त सभी समस्याओं के संदर्भ में पत्र लिखकर अतिशीध्र निराकरण करने के लिए अनुरोध किया है।

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