देहरादून। 7 फरवरी को जिला चमोली (उत्तराखंड) में एक अप्रत्याशित घटनाक्रम में दुर्भाग्यवश रैणी गाँव में धौली गंगा के नदी धाटी में एक हिमखण्ड (ग्लेशियर) गिर गया जिससे नदी के जल स्तर में अथाह वृद्धि हुई, और नदी के प्रवाह के सीधे संपर्क में आने वाले जीवन, संपत्ति और परियोजनाओं को अत्याधिक नुकसान हुआ।
जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड (जेपीवीएल) के कंपनी सेक्रेट्री महेश चतुर्वेदी ने बताया कि 400 मेगावाट की विष्णुप्रयाग हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना का बैराज अलकनंदा नदी पर स्थित है और इसकी टेल रेस टनल धौलीगंगा नदी में जल प्रवाहित करती है।
हम उत्तराखंड में पिछले 30 वर्षों से अधिक समय से एक जिम्मेदार कॉरपोरेट के रूप में कार्यरत हैं, तथा इस प्राकृतिक त्रासदी जिस पर किसी का कोई नियंत्रण नहीं है, से अत्यंत व्यथित हैं।
एक जिम्मेदार कॉर्पोरेट के रूप में, जयप्रकाश पावर वेंचर्स लिमिटेड यह सूचित करना चाहतें है कि इस अप्रत्याशित प्राकृतिक आपदा से उत्पन्न घटनाक्रम में बिजली उत्पादन बंद हो गया है। नदी के तेज बहाव के कारण परियोजना के टेल रेस टनल में पानी के साथ काफी मिट्टी भी आ गई है। हम सभी पहलुओं की समीक्षा कर रहे हैं और परियोजना को इसके पूर्ववत स्थिति में वापस लाने के लिए लगने वाले समय का आकलन भी कर रहे हैं। हमें विश्वास है कि विष्णुप्रयाग हाइड्रो इलेक्ट्रिक परियोजना सफाई और मरम्मत का काम पूरा करने और सभी पहलुओं की जाँच करने के बाद परिचालन कुछ ही दिनों में फिर से शुरू कर सकेगी।
जेपीवीएल जिला प्रशासन को राहत कार्यों में 7 फरवरी से पूर्ण सहायता और आश्वासन प्रदान कर रहा है और सभी तरह की आवश्यक मानवीय सहायता प्रदान करना जारी रखेगा। आवश्यकता पड़ने पर जेपीवीएल किसी भी प्रश्न के स्पष्टीकरण के लिए सदा उपलब्ध है। हम देवभूमि उत्तराखंड के सभी साथी निवासियों की सुरक्षा एवं सुख-शांति के लिए ईश्वर से करबद्ध प्रार्थना करते हैं।