ऋषिकेश। एम्स ऋषिकेश में आयोजित शिविर में कनिष्ठ व प्रशिक्षु चिकित्सकों ने लेप्रोस्कोपी सर्जरी व बेहतर तरीके से टांके लगाने के गुर सीखे। यह प्रशिक्षण एक सप्ताह तक जारी रहेगा। जिसमें ईएनटी, सर्जिकल ओंकोलॉजी, गाइनी, जनरल सर्जरी विभाग के कनिष्ठ चिकित्सकों, एमबीबीएस के विद्यार्थियों आदि को प्रशिक्षित किया जाएगा।
एम्स निदेशक पद्मश्री प्रोफेसर रवि कांत की देखरेख में जॉनसन एंड जॉनसन इंस्टीट्यूट के सहयोग से ऑन व्हील प्रोग्राम के तहत सिमुलेशन कौशल के लिए तैयार किए गए स्पेशल सचल वाहन में इस शिविर का आयोजित किया गया। इस अवसर पर निदेशक एम्स पद्मश्री प्रो. रवि कांत ने बताया कि सिमुलेशन स्किल से फैकल्टी व रेजिडेंट्स चिकित्सकों को प्रशिक्षण मिलेगा, जिससे वह अपने कार्यक्षेत्र में दक्षता हासिल करेंगे व अभ्यास से वह अपना कार्य कुशलता से कर सकेंगे। लिहाजा यह दक्षता प्रत्येक व्यक्ति में होनी चाहिए जो कि जरुरी है। प्रशिक्षण कार्यशाला के माध्यम से प्रतिदिन क्रमवार सामान्य शल्य चिकित्सा विभाग, नाक कान गला विभाग, अस्थि रोग विभाग, स्त्री एवं प्रसूति विभाग, कैंसर शल्य चिकित्सा विभाग आदि के रेजिडेंट डॉक्टर्स, एमबीबीएस छात्र-छात्राएं बेहतर तरीके से टांके लगाने के साथ ही लेप्रोस्कोपी सर्जरी स्किल में दक्षता हासिल करेंगे। इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभागाध्यक्ष प्रो. सोमप्रकाश बासू ने बताया कि शल्य चिकित्सा एक विषय है जिसमें ज्ञान के साथ साथ कला और अनुभव की आवश्यकता होती है। लिहाजा यह प्रशिक्षण कार्यक्रम कनिष्ठ चिकित्सकों, रेजिडेंट डॉक्टरों के कौशल और आत्मविश्वास में बढ़ोत्तरी में मददगार साबित होगा। उन्होंने बताया कि सिमुलेशन आधारित प्रशिक्षण चिकित्सकों के ज्ञान और कौशल को विकसित करने में सहायक सिद्ध होता है। इस अवसर पर जनरल सर्जरी विभाग की वरिष्ठ सर्जन व आईबीसीसी प्रमुख प्रोफेसर बीना रवि जी, डीन( एकेडमिक) प्रो. मनोज गुप्ता जी, डीन (हॉस्पिटल अफेयर्स ) प्रो. यूबी मिश्रा, डा. अनुभा अग्रवाल, डा. प्रतीक शारदा, जॉनसन एंड जॉनसन की ओर से सुमित कौशिक, संदीप राणा आदि मौजूद थे।