नई दिल्ली। कोरोना की तीसरी लहर भी आएगी। इसे कोई नहीं रोक सकता है। हालांकि, यह कब आएगी और यह कैसे इफेक्ट करेगी, अभी कहना मुश्किल है। लेकिन, इसके लिए तैयार रहना होगा। सरकार के प्रधान वैज्ञानिक सलाहकार के. विजय राघवन ने यह चेतावनी दी है। राघवन ने कहा कि कोरोना के नए वैरिएंट सामने आ रहे हैं। इन्होंने संक्रमण की रफ्तार बढ़ाई है। कोरोना के नए स्ट्रेन से निपटने के लिए वैक्सीन को भी अपडेट करने की जरूरत होगी। राघवन के अनुसार, वैक्सीन कोरोना के मौजूदा वैरिएंट के खिलाफ कामयाब है। भारत सहित दुनियाभर में कोरोना के नए वैरिएंट सामने आएंगे। तमाम वैज्ञानिक इन अलग-अलग किस्मों का मुकाबला करने की तैयारी कर रहे हैं।
केंद्र सरकार ने कहा है कि कुछ राज्यों में कोरोना के केसों में कमी के संकेत जरूर मिले हैं, लेकिन 12 राज्यों में अभी भी 1 लाख से अधिक एक्टिव केस हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव ने कहा कि देश के 10 राज्यों में पॉजिटिवटी रेट 25 फीसदी से ज्यादा है और इनमें अभी और अधिक काम करने की जरूरत है। वहीं, इससे पहले अप्रैल महीने में विजयराघवन ने कहा था कि कोरोना की दूसरी लहर का पीक इस महीने के अंत तक आ सकता है उन्होंने कहा था कि अभी वायरस का ऐसा कोई वैरियंट नहीं है जिस पर वैक्सीन प्रभावी न हों। संपूर्ण रूप में मामलों में कमी आने में थोड़ा ज्यादा वक्त लगेगा लेकिन हम इस महीने के आखिरी या अगले महीने की शुरुआत में मामले कम होते दखेंगे।
देश समेत दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का प्रकोप देखने को मिल रहा है। नए नए वेरिएंट वायरस को और ज्यादा घातक बना रहे हैं। इस बीच भारत, यूनाइटेड किंगडम और कनाडा में तबाही मचाने वाले कोरोना वेरिएंट B.1.1.7 की पहली मॉलिक्यूलर तस्वीर सामने आई है। बता दें कि कोरोना के इसी स्ट्रेन के चलते दुनिया के तमाम देशों में कोविड-19 की दूसरी लहर और खतरनाक हुई है।
साथ ही यही वेरिएंट ब्रिटेन समेत भारत और कनाडा में संक्रमण के मामलों में वृद्धि की वजह बना। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन ने बीते साल मध्य-दिसंबर में B.1.1.7 वेरिएंट का पहला मामला दर्ज किया था। जिसके चलते बड़ी संख्या में म्युटेशन देखने को मिला।